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विश्व होम्योपैथी दिवस पर मरीजों का नि:शुल्क किया गया इलाज - Dr. Samuel Hahnemann

होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती पर रामनगर में लोगों का फ्री में इलाज किया गया.

Dr. Samuel Hahnemann
डॉ. सैमुअल हैनीमैन
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Published : Apr 10, 2020, 10:46 PM IST

रामनगर: विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर होम्योपैथी संस्थाओं में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया गया. आयुर्वेद, एलोपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की तरह होम्योपैथी की भी अपनी विशेषताएं होती है. हर साल 10 अप्रैल को डॉ. सैमुअल हैनीमैन की याद में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है.

विश्व होम्योपैथी दिवस.

बता दें कि, हर साल 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती को चिह्नित करने के लिए विश्व स्तर पर विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. डॉ. सैमुअल हैनीमैन का जन्म जर्मनी में हुआ था. वे चिकित्सक होने के साथ-साथ शोधकर्ता, भाषाविद और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे. होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक वैकल्पिक रूप है, जो “सम: समम् शमयति” या “समरूपता” दवा सिद्धांत पर आधारित है.

पढ़ें: मंडी का निरीक्षण कर SDM ने दिए सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देश

केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के अनुसार होम्योपैथी की यह दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है. जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है. इस पद्धति में रोगियों का उपचार होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझ कर किया जाता है.

रामनगर: विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर होम्योपैथी संस्थाओं में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया गया. आयुर्वेद, एलोपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की तरह होम्योपैथी की भी अपनी विशेषताएं होती है. हर साल 10 अप्रैल को डॉ. सैमुअल हैनीमैन की याद में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है.

विश्व होम्योपैथी दिवस.

बता दें कि, हर साल 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती को चिह्नित करने के लिए विश्व स्तर पर विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. डॉ. सैमुअल हैनीमैन का जन्म जर्मनी में हुआ था. वे चिकित्सक होने के साथ-साथ शोधकर्ता, भाषाविद और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे. होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक वैकल्पिक रूप है, जो “सम: समम् शमयति” या “समरूपता” दवा सिद्धांत पर आधारित है.

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केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के अनुसार होम्योपैथी की यह दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है. जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है. इस पद्धति में रोगियों का उपचार होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझ कर किया जाता है.

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