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ड्रग्स पार्सल के नाम पर पहले महिला को डराया, फिर मुंबई पुलिस की DSP बन ठगे 2 लाख रुपए

हल्द्वानी में एक महिला के साथ करीब 2 लाख रुपए की ठगी हुई है. ठगी का तरीका भी ऐसा कि कोई भी डरकर पैसा भेज दे. जी हां, शातिरों ने महिला के नाम पर पार्सल आने और उसमें ड्रग्स होने की बात कही, फिर मनी लॉड्रिंग और ड्रग्स केस में फंसाने का डर दिखाया. इतना ही नहीं फर्जी मुंबई पुलिस का डीएसपी बनकर पैसे मांगे गए और करीब 2 लाख रुपए उड़ा ले गए.

Haldwani Cyber Fraud
साइबर ठगी
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Published : Jun 20, 2023, 6:45 PM IST

हल्द्वानीः मुखानी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. शातिर ने खुद को मुंबई पुलिस का डीएसपी बनकर महिला को फर्जी पार्सल के नाम पर फंसाने की धमकी. जिससे घबराए महिला ने शातिर के बताए अकाउंट पर करीब 2 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाद में पता चला कि वो कोई मुंबई पुलिस का डीएपी नहीं था, न ही उसके नाम का कोई पार्सल था. महिला को ठगी का एहसास हुआ तो सीधे थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया. अब साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, हल्द्वानी के कुसुम खेड़ा गैस गोदाम रोड पर रेशमबाग के पास प्रभात कॉलोनी की रहने वाली एक महिला ने पुलिस में तहरीर दी है. जिसमें महिला ने बताया कि बीती 19 जून को उसके पास अज्ञात व्यक्ति का फोन आया. अज्ञात व्यक्ति ने दावा किया कि मुंबई में किसी कंपनी को उन्होंने (महिला) पार्सल भेजा है. जिस पर महिला की आईडी लगी हुई है. पार्सल में अवैध सामान मिलने की बात कही गई. जब महिला ने कोई पार्सल नहीं भेजने की बात कही तो शातिर ने मुंबई साइबर क्राइम से बात करने को कहा.

कुछ देर एक शातिर ने मुंबई पुलिस का डीएसपी बनकर उससे बात की. जिससे वो घबरा गई. शातिर ने महिला पर मनी लॉड्रिंग और ड्रग्स केस में होने की बात कही. शातिर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड और नंबर इन गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है. जिसके बाद उसके मोबाइल नंबर पर मुंबई पुलिस का एक लेटर भेजा गया. जिसमें कहा गया कि उसे 98,726 की धनराशि दो बार भेजनी पड़ेगी. जो कि दोषारोपण सिद्ध न होने पर 15 मिनट बाद जांच के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः साइबर ठगों का नया तरीका, व्हाट्सएप-टेलीग्राम पर लोगों से करा रहे यूट्यूब वीडियोज लाइक, फिर...

इतना ही नहीं शातिरों ने इस बात को किसी से बताने पर खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का डर दिखाया. जिससे वो काफी घबरा गई और शातिर के बताए अकाउंट पर अपने और अपनी बहन से ₹1,97,452 ट्रांसफर कर दिए. जिसके बाद शातिरों ने व्हाट्सएप पर भेजे अपने सारे डाक्यूमेंट्स डिलीट कर दिए. जिससे उसे ठगी का अहसास हुआ. जब महिला ने संबंधित नंबर पर फोन किया तो नंबर बंद जाने लगा.

उधर, पीड़ित महिला ने मुखानी थाना ने मामला दर्ज कराया है. मुखानी थाना प्रभारी रमेश बोहरा का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर मामले को साइबर सेल को ट्रांसफर किया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने किसी भी तरह के झांसों पर न आने की अपील की है. किसी भी नंबर या लिंक पर क्लिक न करने को कहा है.

हल्द्वानीः मुखानी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. शातिर ने खुद को मुंबई पुलिस का डीएसपी बनकर महिला को फर्जी पार्सल के नाम पर फंसाने की धमकी. जिससे घबराए महिला ने शातिर के बताए अकाउंट पर करीब 2 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाद में पता चला कि वो कोई मुंबई पुलिस का डीएपी नहीं था, न ही उसके नाम का कोई पार्सल था. महिला को ठगी का एहसास हुआ तो सीधे थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया. अब साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, हल्द्वानी के कुसुम खेड़ा गैस गोदाम रोड पर रेशमबाग के पास प्रभात कॉलोनी की रहने वाली एक महिला ने पुलिस में तहरीर दी है. जिसमें महिला ने बताया कि बीती 19 जून को उसके पास अज्ञात व्यक्ति का फोन आया. अज्ञात व्यक्ति ने दावा किया कि मुंबई में किसी कंपनी को उन्होंने (महिला) पार्सल भेजा है. जिस पर महिला की आईडी लगी हुई है. पार्सल में अवैध सामान मिलने की बात कही गई. जब महिला ने कोई पार्सल नहीं भेजने की बात कही तो शातिर ने मुंबई साइबर क्राइम से बात करने को कहा.

कुछ देर एक शातिर ने मुंबई पुलिस का डीएसपी बनकर उससे बात की. जिससे वो घबरा गई. शातिर ने महिला पर मनी लॉड्रिंग और ड्रग्स केस में होने की बात कही. शातिर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड और नंबर इन गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है. जिसके बाद उसके मोबाइल नंबर पर मुंबई पुलिस का एक लेटर भेजा गया. जिसमें कहा गया कि उसे 98,726 की धनराशि दो बार भेजनी पड़ेगी. जो कि दोषारोपण सिद्ध न होने पर 15 मिनट बाद जांच के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा.
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इतना ही नहीं शातिरों ने इस बात को किसी से बताने पर खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का डर दिखाया. जिससे वो काफी घबरा गई और शातिर के बताए अकाउंट पर अपने और अपनी बहन से ₹1,97,452 ट्रांसफर कर दिए. जिसके बाद शातिरों ने व्हाट्सएप पर भेजे अपने सारे डाक्यूमेंट्स डिलीट कर दिए. जिससे उसे ठगी का अहसास हुआ. जब महिला ने संबंधित नंबर पर फोन किया तो नंबर बंद जाने लगा.

उधर, पीड़ित महिला ने मुखानी थाना ने मामला दर्ज कराया है. मुखानी थाना प्रभारी रमेश बोहरा का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर मामले को साइबर सेल को ट्रांसफर किया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने किसी भी तरह के झांसों पर न आने की अपील की है. किसी भी नंबर या लिंक पर क्लिक न करने को कहा है.

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