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प्रदेश के स्कूलों में जमा संचायिका गड़बड़ी मामले की HC में सुनवाई, सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब

स्कूलों में संचायिका गड़बड़ी मामले (executor disturbances in schools) की आज हाईकोर्ट (nainital high court ) में सुनवाई हुई. जिसके बाद मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

Hearing in the High Court in the case of accumulator disturbances deposited in the schools of the state
प्रदेश के स्कूलों में जमा संचायिका गड़बड़ी मामले मे HC में सुनवाई
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Published : Jun 22, 2022, 5:10 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में छात्रों द्वारा जमा की जाने वाली संचायिका के मामले की आज सुनवाई की. संचायिका मामले में लाखों रुपए की गड़बड़ी, दुरुपयोग और छात्रों को पैसे वापस नहीं लौटाए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार आरटीआई क्लब देहरादून ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2016 तक स्कूली छात्र-छात्राओं से बचत को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचायिका के रूप में जमा करायी जाती थी. स्कूल छोड़ने पर ये फीस उन्हें वापस कर दी जाती थी. मगर राज्य सरकार ने साल 2016 में इसे बंद कर दिया. उसके बाद बहुत से स्कूलों ने संचायिका में जमा धनराशि छात्रों को वापस न लौटाकर इसमें गड़बड़ी कर इसका दुरुपयोग किया.

पढ़ें- देहरादून सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण का रास्ता साफ, HC का 972 पेड़ ट्रांसप्लांट करने का आदेश

जनहित याचिका में कहा गया है कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाना चाहिए. इसमें घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. अगर स्कूल इस पैसे को वापस नहीं करते हैं तो इसका उपयोग स्कूल की सुविधाओं में किया जाये.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में छात्रों द्वारा जमा की जाने वाली संचायिका के मामले की आज सुनवाई की. संचायिका मामले में लाखों रुपए की गड़बड़ी, दुरुपयोग और छात्रों को पैसे वापस नहीं लौटाए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार आरटीआई क्लब देहरादून ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2016 तक स्कूली छात्र-छात्राओं से बचत को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचायिका के रूप में जमा करायी जाती थी. स्कूल छोड़ने पर ये फीस उन्हें वापस कर दी जाती थी. मगर राज्य सरकार ने साल 2016 में इसे बंद कर दिया. उसके बाद बहुत से स्कूलों ने संचायिका में जमा धनराशि छात्रों को वापस न लौटाकर इसमें गड़बड़ी कर इसका दुरुपयोग किया.

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जनहित याचिका में कहा गया है कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाना चाहिए. इसमें घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. अगर स्कूल इस पैसे को वापस नहीं करते हैं तो इसका उपयोग स्कूल की सुविधाओं में किया जाये.

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