ETV Bharat / state

पूर्व दर्जाधारी मंत्री का आरोप, सरकार कर रही शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन - शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे

प्रदेश के पूर्व दर्जाधारी मंत्री गणेश उपाध्याय ने प्रदेश सरकार पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अगर राज्य सरकार प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूलों का विलय करती है तो मजदूर और गरीबों के बच्चों का भविष्य खतरे में आ जाएगा.

Haldwani Latest News
पूर्व दर्जाधारी मंत्री गणेश उपाध्याय
author img

By

Published : Sep 2, 2020, 1:38 PM IST

हल्द्वानी: शिक्षा के अधिकार अधिनियम संशोधन पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाने पर पूर्व दर्जाधारी मंत्री और हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले गणेश उपाध्याय ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार अब नया शासनादेश लाकर फिर से गरीब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित करने का काम करने जा रही है.

Haldwani Latest News
राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश.

बता दें, प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूलों के समायोजन के खिलाफ उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट में 14 फरवरी 2020 को एक याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के समायोजन के शासनादेश पर रोक लगा दी थी. ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने फिर से नए शासनादेश के तहत प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूल का विलय करने का शासनादेश जारी किया है. जिस पर गणेश उपाध्याय ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

गणेश उपाध्याय, पूर्व दर्जाधारी मंत्री/याचिकाकर्ता.

याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने कहा है कि प्रदेश सरकार अब नए शासनादेश लाकर फिर से गरीब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित करने का काम करने जा रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालय की दूरी एक किलोमीटर जबकि माध्यमिक शिक्षा की दूरी तीन किलोमीटर तक होनी चाहिए. लेकिन प्रदेश सरकार इन दोनों स्कूलों का विलय कर प्राथमिक स्कूलों के छोटे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

गणेश उपाध्याय का कहना है कि राज्य सरकार नए आदेश में केवल नदी और नाले पार के स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूलों का विलय करने जा रही है. ऐसे में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले गरीब-मजदूरों के बच्चों के भविष्य पर ज्यादा असर पड़ेगा और वह शिक्षा से वंचित होंगे. साथ ही प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा और नौकरियां खत्म होंगी.

पढ़ें- राज्य आंदोलनकारियों की जुबानी, खटीमा और मसूरी गोलीकांड की कहानी

गणेश उपाध्याय ने बताया कि सरकार द्वारा पहले चरण में उधम सिंह नगर के स्कूलों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर समायोजित करने का काम किया जा रहा था. जिसके बाद उन्होंने याचिका लगाई थी और हाईकोर्ट ने समायोजन पर रोक लगा दी थी.

हल्द्वानी: शिक्षा के अधिकार अधिनियम संशोधन पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाने पर पूर्व दर्जाधारी मंत्री और हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले गणेश उपाध्याय ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार अब नया शासनादेश लाकर फिर से गरीब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित करने का काम करने जा रही है.

Haldwani Latest News
राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश.

बता दें, प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूलों के समायोजन के खिलाफ उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट में 14 फरवरी 2020 को एक याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के समायोजन के शासनादेश पर रोक लगा दी थी. ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने फिर से नए शासनादेश के तहत प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाई स्कूल का विलय करने का शासनादेश जारी किया है. जिस पर गणेश उपाध्याय ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

गणेश उपाध्याय, पूर्व दर्जाधारी मंत्री/याचिकाकर्ता.

याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने कहा है कि प्रदेश सरकार अब नए शासनादेश लाकर फिर से गरीब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित करने का काम करने जा रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालय की दूरी एक किलोमीटर जबकि माध्यमिक शिक्षा की दूरी तीन किलोमीटर तक होनी चाहिए. लेकिन प्रदेश सरकार इन दोनों स्कूलों का विलय कर प्राथमिक स्कूलों के छोटे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

गणेश उपाध्याय का कहना है कि राज्य सरकार नए आदेश में केवल नदी और नाले पार के स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूलों का विलय करने जा रही है. ऐसे में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले गरीब-मजदूरों के बच्चों के भविष्य पर ज्यादा असर पड़ेगा और वह शिक्षा से वंचित होंगे. साथ ही प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा और नौकरियां खत्म होंगी.

पढ़ें- राज्य आंदोलनकारियों की जुबानी, खटीमा और मसूरी गोलीकांड की कहानी

गणेश उपाध्याय ने बताया कि सरकार द्वारा पहले चरण में उधम सिंह नगर के स्कूलों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर समायोजित करने का काम किया जा रहा था. जिसके बाद उन्होंने याचिका लगाई थी और हाईकोर्ट ने समायोजन पर रोक लगा दी थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.