नैनीताल: पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार का नैनीताल से बेहद लगाव था. नेवी से रिटायरमेंट के बाद पिछले कई सालों से जिला मुख्यालय से दूर भवाली के गोलूधार में निवासरत थे. बुधवार सुबह उपचार के दौरान दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनका निधन हो गया, 79 वर्षीय एडमिरल लंबे समय से बीमार चल रहे थे. सुशील कुमार को उनके विशिष्ट कार्यों और बहादुरी के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल,उत्तम सेवा मेडल समेत अन्य मेडलों से सम्मानित किया गया था.
30 दिसंबर 1998 से 2001 तक भारतीय नौसेना के प्रमुख रहे कुमार 1965 को 1971 के भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. गोवा मुक्तिसंग्राम में भी सुशील कुमार शामिल रहे थे. उन्हें जांबाजी के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया. उनके द्वारा लिखी गई किताब में उन्होंने लिखा है कि संसद हमले के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की तरह पीओके में एयर स्ट्राइक की योजना बनाई थी.
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Former Navy Chief Admiral Sushil Kumar passed away early morning today at the Army Research and Referral Hospital in Delhi due to illness. He was 79. Kumar was Navy Chief from 1998 to 2000. pic.twitter.com/Nb2EOnb7eV
— ANI (@ANI) November 27, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 27, 2019Former Navy Chief Admiral Sushil Kumar passed away early morning today at the Army Research and Referral Hospital in Delhi due to illness. He was 79. Kumar was Navy Chief from 1998 to 2000. pic.twitter.com/Nb2EOnb7eV
— ANI (@ANI) November 27, 2019
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एडमिरल ने अपनी पुस्तक "ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेंमबर: मेमोरीज ऑफ़ ए मिलट्री चीफ" में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिए गए प्रमुख रक्षा निर्णयों का उल्लेख किया है. सुशील ने लिखा है कि 1999 की कारगिल विजय अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे उत्कृष्ट उपलब्धियों में से एक थी. उन्होंने सामरिक नुकसान को बेहतरीन विजय में परिवर्तित करने का श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी को दिया. वाजपेयी ने जवानों को एलओसी पार न करने और पाकिस्तानी घुसपैठियों को अपने क्षेत्र से बाहर खदेड़ने के निर्देश दिए थे. अपनी पुस्तक में आगे लिखा है कि भारतीय संसद में हुए हमले के बाद वाजपेयी पाकिस्तानी सेना के कैंप को नष्ट करना चाहते थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें इस योजना को रद्द करना पड़ा.