नैनीताल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को नैनीताल और रामगढ़ समेत आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान हरीश रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से सरकार की संवेदनशीलता शून्य है. जिस समय उत्तराखंड में आपदा आई थी उस समय सरकार के मंत्री हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे करने का इंतजार कर रहे थे.
हरीश रावत ने नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में हुए भूस्खलन की वजह से प्रभावित हरिनगर क्षेत्र के लोगों से भी मुलाकात की और दर्द जाना. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को मदद देने में सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. सरकार को नैनीताल जिले समेत प्रदेश के सभी प्रभावित क्षेत्रों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित करना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया.
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हरीश रावत ने कहा कि अगर राज्य सरकार 10 दिन के भीतर आपदाग्रस्त क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कार्य नहीं करती है तो कांग्रेस प्रदेश भर में एक दिन का उपवास रखेगी और उसके बाद प्रदर्शन करेगी.
हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी, लेकिन आज तक डबल इंजन सरकार इस प्रश्न पर चुप है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार ने आपदा आने से 36 घंटे पहले ही सूचना राज्य सरकार को दे दी थी. इसके बावजूद भी इस तरह की घटना हुई. इससे पता चलता है कि राज्य सरकार का आपदा तंत्र पूरी तरह से फेल रहा.
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हरीश रावत ने कहा कि 36 घंटे पहले अलर्ट जारी होने के बावजूद भी सरकार ने नदियों के किनारे व असुरक्षित क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की और न ही उन्हें चेतावनी दे पाई.
हरीश रावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों हवा-हवाई बात कर रहे हैं. जिस समय उत्तराखंड में आपदा आई थी उस समय सरकार के मंत्री हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे करने का इंतजार कर रहे थे. हरीश रावत ने कहा कि उधम सिंह नगर में अब तक सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिली है. क्षेत्र में अब बीमारी फैलने का खतरा बढ़ रहा है. जनता तक एक रुपया तक नहीं पहुंचा है.