हल्द्वानी: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह द्वारा प्रदेश की जीडीपी 32% से अधिक होने के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसा है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा है कि अगर जीडीपी लगातार बढ़ रही है तो राज्य में बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर क्यों है. उनका कहना है कि अब बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि जब किसी राज्य की जीडीपी बढ़ी हो और वहां का राजस्व सुना हो जाए.
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दरअसल, हरीश रावत हल्द्वानी में मीडिया से मुखातिब हुए जहां उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है और दूसरी तरफ राज्य सरकार यह कह रही है कि उत्तराखंड की जीडीपी बढ़ रही है. हरीश रावत ने आरोप लगाया कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और राज्य का उपभोक्ता मजबूर हो चुका है. क्योंकि हकीकत यह है कि पिछले 5 सालों में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं बढ़ी. जिससे यह साबित हो चुका है कि मनमोहन इकोनॉमी वर्सेस मोदी इकोनॉमी चल रही है.
उन्होंने कहा कि मनमोहन इकोनॉमी के तहत सरकार ने पैसा जनता की जेब में डालने का काम किया था, जबकि मोदी सरकार ने जनता की जेब से पैसा निकालकर कॉर्पोरेट घरानों को दिया है और इस मुद्दे को ध्यान रखते हुए कांग्रेसी 14 दिसंबर को दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ एक महारैली रामलीला ग्राउंड में करने जा रही है. इसके साख ही गैरसैंण में सत्र नहीं कराने और गन्ना किसानों को बकाया भुगतान दिलाने के लिए 4 दिसंबर को गैरसैंण में और 5 दिसंबर को वह देहरादून विधानसभा के बाहर उपवास और धरना करेंगे.