हल्द्वानी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) विजय संकल्प शंखनाद जनसभा को रामलीला ग्राउंड में अनुमति न मिलने के विरोध में मौन उपवास रखा. हरदा का यह मौन उपवास स्वराज आश्रम में 1 घंटे का रहा. मौन उपवास कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत अन्य नेता भी मौजूद हैं. इसके बाद हरीश रावत एनडी तिवारी के गांव जाएंगे.
बता दें कि, 11 नवंबर को कांग्रेस की विजय शंखनाद संकल्प रैली हल्द्वानी के रामलीला ग्राउंड में आयोजित करेंगी. पहले इसे 8 नवंबर को होना था.
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बता दें कि, हरीश रावत स्वराज आश्रम हल्द्वानी में 1 घंटे का मौन उपवास रखा. आपको बता दें कि, राज्य स्थापना दिवस के दिन भी हरदा हल्द्वानी के गोरापड़ाव में मौन उपवास पर बैठे थे. हरीश रावत का मौन उपवास इलाके की बदहाल सड़कों को लेकर था. कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ मौन उपवास के बाद हरीश रावत ने कहा कि सड़कों के ये गड्ढे बीजेपी सरकार के आपराधिक कृत्य हैं.
हरीश रावत का इस मौन उपवास के बाद भी राजनीतिक कार्यक्रम है. हरदा मौन उपवास खत्म होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के गांव बल्यूंठी (भीमताल के पास) जाएंगे.
कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकेगी, क्योंकि इस कार्यक्रम में हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए नेता यशपाल आर्य और नैनीताल से निवर्तमान विधायक संजीव आर्य का स्वागत समारोह भी आयोजित किया गया है. विजय विजय शंखनाद रैली जनसभा के जरिए कांग्रेस पार्टी के एकजुट होने का मैसेज भी जनता के बीच देने की कोशिश करेंगी. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यह मौजूदा सरकार को बहुत बड़ा झटका लगा है इस पर यशपाल आर्य के आने के बाद बीजेपी बौखला गई है.