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स्टिंग मामला: हरीश रावत का आरोप- देश के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर काम कर रही CBI

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Published : Sep 21, 2019, 2:33 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाया है. साथ ही उनका कहना है कि क्या उनसे देश को कोई खतरा है. जो सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के लिए इतनी बेचैन है.

पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई पर लगाए गंभीर आरोप.

नैनीताल: हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय करने पर सीबीआई ने दोबारा मामला कोर्ट के समक्ष ले जाने की कोशिश की. जिसे लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाया है. साथ ही सीबीआई पर देश के किसी शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम करने की बात कही है.

बता दें की बीते रोज नैनीताल हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने एक अक्टूबर की तारीख तय की. जिसके बाद सीबीआई के अधिवक्ता ने फिर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को जमा करने की बात कही. जिस पर हरीश रावत के अधिवक्ता ने विरोध जताते हुए कहा कि जब मामले में एक बार सुनवाई पूरी हो गई है, साथ ही कोर्ट द्वारा सुनवाई पर अगली तारीख तय कर दी गई है, तो उसी तिथि पर ही सुनवाई होगी. जिसे लेकर दोनों अधिवक्ताओं और न्यायाधीश के बीच जमकर कानूनी बहस हुई. जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश की एकलपीठ ने खुद को इस याचिका से दूर कर लिया.

स्टिंग मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई पर लगाए गंभीर आरोप.

वहीं मामले को लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई देश के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम कर रही है या कोर्ट को दबाव में लाना चाहती है. वहीं हरीश रावत का सीबीआई से कहना है कि सीबीआई कोर्ट को बताए कि वह उनकी तत्काल गिरफ्तारी क्यों करना चाहती है. क्या हरीश रावत से देश को कोई खतरा है या हरीश रावत देशद्रोही हैं. या फिर हरीश रावत से कानून को कोई खतरा है. या हरीश रावत नीरव मोदी और अन्य लोगों की तरह भगोड़े हैं.

ये भी पढ़े: जहरीली शराब मामलाः मुख्य आरोपियों में पूर्व भाजपा पार्षद, लंबे समय से कर रहा अवैध कारोबार

वहीं हरीश रावत ने कहा की मामले की सुनवाई के बाद जो भी फैसला आएगा. उन्हें वो मंजूर होगा और सीबीआई उनको जब और जहां कहेगी वो सहयोग करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके बाद भी सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के लिए क्यों बेचैन है.

नैनीताल: हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय करने पर सीबीआई ने दोबारा मामला कोर्ट के समक्ष ले जाने की कोशिश की. जिसे लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाया है. साथ ही सीबीआई पर देश के किसी शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम करने की बात कही है.

बता दें की बीते रोज नैनीताल हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने एक अक्टूबर की तारीख तय की. जिसके बाद सीबीआई के अधिवक्ता ने फिर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को जमा करने की बात कही. जिस पर हरीश रावत के अधिवक्ता ने विरोध जताते हुए कहा कि जब मामले में एक बार सुनवाई पूरी हो गई है, साथ ही कोर्ट द्वारा सुनवाई पर अगली तारीख तय कर दी गई है, तो उसी तिथि पर ही सुनवाई होगी. जिसे लेकर दोनों अधिवक्ताओं और न्यायाधीश के बीच जमकर कानूनी बहस हुई. जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश की एकलपीठ ने खुद को इस याचिका से दूर कर लिया.

स्टिंग मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई पर लगाए गंभीर आरोप.

वहीं मामले को लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई देश के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम कर रही है या कोर्ट को दबाव में लाना चाहती है. वहीं हरीश रावत का सीबीआई से कहना है कि सीबीआई कोर्ट को बताए कि वह उनकी तत्काल गिरफ्तारी क्यों करना चाहती है. क्या हरीश रावत से देश को कोई खतरा है या हरीश रावत देशद्रोही हैं. या फिर हरीश रावत से कानून को कोई खतरा है. या हरीश रावत नीरव मोदी और अन्य लोगों की तरह भगोड़े हैं.

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वहीं हरीश रावत ने कहा की मामले की सुनवाई के बाद जो भी फैसला आएगा. उन्हें वो मंजूर होगा और सीबीआई उनको जब और जहां कहेगी वो सहयोग करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके बाद भी सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के लिए क्यों बेचैन है.

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सीबीआई द्वारा स्टिंग मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने पर हरीश रावत ने कहा की सीबीआई बताएं कि हरीश रावत से किसको है खतरा, क्या वह भगोड़े हैं या फिर देशद्रोही।

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नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा स्टिंग मामले में 1 अक्टूबर की तिथि तय करने के बाद सीबीआई द्वारा स्टिंग मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जमा करने को लेकर दोबारा मामला कोर्ट के समक्ष ले जाने के मामले पर हरीश रावत ने कहा कि सीबीआई निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है और सीबीआई किसी शीर्ष नेतृत्व के लोगों के निर्देश पर काम कर रही है।


Body:साथ ही हरीश रावत ने कहा सीबीआई देश के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम कर रही है या कोर्ट को दबाव में लाना चाहती है,
वही हरीश रावत ने सीबीआई से कहा कि सीबीआई कोर्ट को बताएं कि वह उनकी तत्काल गिरफ्तारी क्यों करना चाहती है क्या हरीश रावत को देश से कोई खतरा है या हरीश रावत देशद्रोही हैं या हरीश रावत से कोई कानून को खतरा है या निरहुआ मोदी व अन्य लोगों की तरह वह भगोड़े हैं।
वही हरीश रावत ने कहा मामले की सुनवाई के बाद जो भी फैसला आएगा वो उनको मंजूर होगा और सीबीआई उनको जब और जहां कहेगी वो सहयोग करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके बाद भी सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के लिए क्यों बेचैन है।


Conclusion:आपको बता दें की कल नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद सीबीआई के द्वारा स्टिंग मामले में सुनवाई पूरी हो जाने के बाद एक बार फिर से मामले को मेंशन करवाया गया और सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को जमा करने के लिए कहा जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को बुलाया और जमा करने पर सुनवाई की जिसके बाद हरीश रावत के अधिवक्ता द्वारा इसका विरोध किया गया और कहा जब मामले में एक बार सुनवाई पूरी हो गई है और अगली तिथि तय की गई है तो उसी तिथि पर सुनवाई होगी, लेकिन सीबीआई के अधिवक्ताओं द्वारा अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कल ही जमा करने की बात कही गई जिसको लेकर दोनों अधिवक्ताओं और न्यायाधीश के बीच जमकर कानूनी बहस हुई लेकिन सीबीआई की जांच रिपोर्ट कल की तिथि में जमा नहीं हो पाई जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश की एकल पीठ ने खुद को इस याचिका से दूर कर लिया।

बाईट- हरीश रावत,पूर्व मुख्यमंत्री।
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