नैनीताल: हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय करने पर सीबीआई ने दोबारा मामला कोर्ट के समक्ष ले जाने की कोशिश की. जिसे लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाया है. साथ ही सीबीआई पर देश के किसी शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम करने की बात कही है.
बता दें की बीते रोज नैनीताल हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने एक अक्टूबर की तारीख तय की. जिसके बाद सीबीआई के अधिवक्ता ने फिर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को जमा करने की बात कही. जिस पर हरीश रावत के अधिवक्ता ने विरोध जताते हुए कहा कि जब मामले में एक बार सुनवाई पूरी हो गई है, साथ ही कोर्ट द्वारा सुनवाई पर अगली तारीख तय कर दी गई है, तो उसी तिथि पर ही सुनवाई होगी. जिसे लेकर दोनों अधिवक्ताओं और न्यायाधीश के बीच जमकर कानूनी बहस हुई. जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश की एकलपीठ ने खुद को इस याचिका से दूर कर लिया.
वहीं मामले को लेकर हरीश रावत ने सीबीआई पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई देश के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर काम कर रही है या कोर्ट को दबाव में लाना चाहती है. वहीं हरीश रावत का सीबीआई से कहना है कि सीबीआई कोर्ट को बताए कि वह उनकी तत्काल गिरफ्तारी क्यों करना चाहती है. क्या हरीश रावत से देश को कोई खतरा है या हरीश रावत देशद्रोही हैं. या फिर हरीश रावत से कानून को कोई खतरा है. या हरीश रावत नीरव मोदी और अन्य लोगों की तरह भगोड़े हैं.
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वहीं हरीश रावत ने कहा की मामले की सुनवाई के बाद जो भी फैसला आएगा. उन्हें वो मंजूर होगा और सीबीआई उनको जब और जहां कहेगी वो सहयोग करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके बाद भी सीबीआई उनकी गिरफ्तारी के लिए क्यों बेचैन है.