नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में नारायण दत्त तिवारी सरकार में महाधिवक्ता रहे मेहरबान सिंह नेगी का गुरुवार को देहरादून इंदिरापुरम स्थित आवास में निधन हो गया. वे करीब 86 वर्ष के थे, वे अपने पीछे तीन पुत्र व छः पुत्रियों का परिवार छोड़ गए हैं. उनके निधन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित अन्य अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त किया.
मेहरबान सिंह नेगी के बड़े पुत्र वीबीएस नेगी 2014 से 2017 तक उत्तराखंड हाईकोर्ट में महाधिवक्ता व उससे पूर्व केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं. मेहरबान सिंह नेगी वर्तमान में देहरादून में रह रहे थे. उनका जन्म 1936 में गैरसैंण चमोली में हुआ था. प्रारम्भिक शिक्षा गांव से प्राप्त करने के बाद इंटर की शिक्षा उन्होंने द्वाराहाट व स्नातक अल्मोड़ा से किया. लखनऊ विश्व विद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट में 1962 से वकालत शुरू की. 1977 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वे स्थायी अधिवक्ता व 1989 में मुख्य स्थायी अधिवक्ता बने.
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उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता नामित हुए और इसी साल कांग्रेस की सरकार में महाधिवक्ता बने. वे सिविल व सर्विसेज मामलों के विद्वान अधिवक्ता माने जाते थे. मैनुएल ऑफ सर्विसेज पर उनकी दस किताबें प्रकाशित हैं, जो इलाहाबाद व उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं व वादकारियों में काफी लोकप्रिय हैं. उनके निधन पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित अन्य अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त किया.