रामनगर: वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के नये गर्जिया पर्यटन जोन का विधिवत तरीके से लोकार्पण किया. गर्जिया पर्यटन जोन पांच हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है. वन मंत्री ने पूजा अर्चना कर हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों की जिप्सियों को सफारी पर रवाना किया.
बता दें कि, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक साल में दो नये पर्यटन जोन खोले गए हैं. जिसमें एक पाखरो जोन और दूसरा गर्जिया जोन जिसका शनिवार को लोकार्पण किया गया. गर्जिया पर्यटन जोन पांच हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है. वहीं, कॉर्बेट प्रशासन इस जॉन को कॉर्बेट का प्रसिद्ध जॉन ढिकाला जोन की तरह ही मिनी ढिकाला जोन मान रहा है. जो जल्द ही देश-विदेश में अपनी लोकप्रियता बढ़ाएगा. आज वन मंत्री हरक सिंह रावत ने पूजा अर्चना कर इस विधिवत उद्घाटन किया.
बता दें कि, इस नये पर्यटन जोन में 30 जिप्सीया सुबह और 30 जिप्सियां शाम की पाली में पर्यटकों को भ्रमण पर लेकर जाएंगी. इस नये पर्यटन जोन में देश में पहली बार 7 महिला गाइडों की भर्ती भी हुई है. जो पर्यटकों को भ्रमण पर लेकर जाएंगे. साथ ही कॉर्बेट की जानकारियां देंगी. कार्यक्रम में वन मंत्री ने इन 7 महिला गाइडों को सम्मानित भी किया. उन्होंने कहा कि महिलाएं और पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. जो देश के लिए गौरवान्वित कर देने वाली बात है.
वन मंत्री ने कहा कि रामनगर के लोगों की बहुत लंबे समय से मांग थी. जिसमें जिप्सी चालक, होटल व्यवसाई, नेचर गाइड के लिए एक नया जोन पर्यटन खोला जाए. कॉर्बेट में बुकिंग फुल होने से पर्यटकों को मायूस लौटना पड़ता था. इससे अब अधिकतर पर्यटक सफारी का आनंद उठा पाएंगे. साथ ही टूरिज्म इंडस्ट्री को भी लाभ पहुंचेगा. इससे जिप्सी चालकों के साथ ही जिप्सी मालिकों को भी रोजगार मिलेगा. जो गाइड सफारी में जाएंगे उनको भी रोजगार मिलेगा. साथ ही होटल व्यवसायियों को भी इससे लाभ मिलेगा.
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उन्होंने कहा कि कॉर्बेट से रामनगर से कंडी मार्ग होते हुए रामनगर कोटद्वार को बस चलती थी. वह माननीय हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व में बंद कर दी थी, लेकिन अब तकनीकी व कानूनी राय लेने के बाद कोटद्वार से रामनगर और रामनगर से कोटद्वार बस सेवा शुरू कर दी है. इससे निश्चित रूप से जो दोनों क्षेत्र प्रदेश के हैं गढ़वाल और कुमाऊं यह बस सेवा केवल एक तरह गरीबों के लिए आने-जाने के लिए सहायता ही नहीं बल्कि रामनगर से कोटद्वार की दूरी कॉर्बेट पार्क के अंदर से 80 किलोमीटर है. बाहरी मार्ग से काशीपुर होते हुए 160 किलोमीटर होता है. अब यह बस सेवा कुमाऊं और गढ़वाल के दोनों के बीच में एक प्रतीक संस्कृति को जोड़ने के लिए जानी जाएगी. वहीं, उन्होंने कहा कि कंडी मार्ग जो उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है. आम जनमानस के लिए भी उसे खोलने के लिए उच स्तर पर वार्ता चल रही है, उसमें सारा होमवर्क कर लिया गया है.