रामनगरः एक कहावत है 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे'. इस कहावत से मिलता जुलता मामला इनदिनों रामनगर में देखने को मिल रहा है. जहां वन विभाग तराई पश्चिमी ने वन निगम पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है. वन विभाग की इस कार्रवाई के बाद वन निगम बुरी तरह बौखलाया हुआ है. इतना ही नहीं वन निगम मामले में वन विभाग के अधिकारियों को नियम का पाठ पढ़ाता नजर आ रहा है. जिसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
यूकेलिप्टस पेड़ कटाने से जुड़ा मामलाः दरअसल, मामला पेड़ों के अवैध कटान से जुड़ा है. वन विभाग ने वन निगम को यूकेलिप्टस पेड़ काटने की परमिशन दी थी. इसी परमिशन के बीच माफियाओं ने चोरी छिपे जंगल से पेड़ों को काटना शुरू कर दिया. जिसकी सूचना मिलते ही डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य हरकत में आए और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की. साथ ही माफियाओं के साथ साठ-गांठ और सरकार को राजस्व का चूना लगाने, साथ ही अपने फर्ज के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर वन निगम के खिलाफ भी पीडी (जुर्माना) डाल दिया.
वन विभाग पर वन निगम का पलटवार, कही ये बातः वहीं, वन विभाग की ओर से जुर्माने की कार्रवाई करने के बाद वन निगम ने पलटवार किया है. वन निगम के अधिकारी अपने ऊपर लगाई गई पीडी को गलत बता रहे हैं. वन निगम के अधिकारियों का कहना है कि न तो निरीक्षण हुआ न ही आख्या हुई. इतना ही नहीं मामले में न ही पक्षों को सुना गया है. आनन-फानन में पीडी निकालना वन निगम को प्रताड़ित करना है. उन्हें यह पीडी किसी भी सूरत स्वीकार नहीं है.
ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट का 'काला' अध्याय है 6000 पेड़ों का अवैध कटान, एनजीटी ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी
वन निगम के आरोपों पर फिर वन विभाग ने किया पलटवारः वहीं, दूसरी ओर तराई पश्चिमी डिवीजन वन विभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी ओर से किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया जा रहा. जो वन संहिता है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है. वन निगम का जहां कटान किया जाता है, उसके आसपास की जिम्मेदारी वन निगम की ही होती है.
उन्होंने कहा कि उसके आस पास भी पेड़ काटे गए हैं, जो पीडी उनकी ओर से आरोपित की है, उसका जवाब वन निगम को देना है. उनकी ओर से वन निगम का जवाब उच्चाधिकारियों और वन संरक्षक को भेज दिया गया है. अब आगे उनकी ओर से ही निर्णय लिया जाएगा है.