हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े वन विभाग के वेस्टर्न सर्किल में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1302 वन अपराधों से जुड़े मामले सामने आए हैं. इसमें अवैध खनन से लेकर अवैध शिकार, अवैध लकड़ियों के कटान शामिल हैं. कुमाऊं मंडल की वन विभाग की पश्चिमी वृत्त के पांच डिवीजन की सीमा पहाड़ से लेकर नेपाल सीमा तक लगी हुई है. ऐसे में वन विभाग के लिए वनों और वन्य जीव सुरक्षा की भी बड़ी चुनौती है.
आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में पश्चिमी वृत्त में वन अपराध के 1302 मामले सामने आए हैं. जिसमें 317 लकड़ियों की अवैध कटान, वन संरक्षण अधिनियम के तहत 57 मामले, आरा मशीन अनियमितता मामले में 8 मामले, ट्रांजिट नियमों का उल्लंघन के 156 मामले, अवैध खनन के 384, ग्रामीण व संरक्षण अधिनियम के तहत 92 मामले, वन्यजीव अपराध से जुड़े 72 मामलों के साथ अन्य वन्य अपराध से जुड़े 216 मामले सामने आए हैं. साल 2018-19 में जहां कुल दर्ज मामलों की संख्या 1181 थी वहीं वर्ष 2020-21 में 1308 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2021-22 में 1417 मामले सामने आए थे.
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इनमें अवैध खनन, अवैध कटान के अलावा वन्यजीव अपराध से जुड़े मामले भी बढ़े हैं. वन अपराधों के मामले में पश्चिमी वृत्त काफी संवेदनशील है. यहां वनों और वन्य जीव की सुरक्षा वन विभाग के लिए चुनौती भी बनी रहती है. इसके अलावा अवैध खनन का खेल भी बड़े स्तर पर होता है. तस्करों की सक्रियता को लेकर वन विभाग को यहां ज्यादा चुनौती का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा जंगल से सटे गांव होने के कारण शौकिया शिकार और तस्करी के उद्देश्य से भी लोग हाथी, जंगली सूअर आदि वन्यजीवों को निशाना बनाते हैं. वनों के होने वाले अपराध को रोकने के लिए विभाग ने एसओजी की टीम भी गठित की है.
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टीम वन अपराध से जुड़े कई मामलों का खुलासा भी कर चुकी है. इनमें गुलदार की खाल, हाथी दांत, पैंगोलिन के शल्क की तस्करी के अलावा शिकार से जुड़े मामले भी शामिल हैं. पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक दीप चंद्र सती ने बताया कि वनों के अपराध रोकने के लिए वन विभाग की टीम लगातार काम कर रही है. जिसका नतीजा है कि बड़े पैमाने पर तस्करों को पकड़ने के साथ-साथ तस्करों के वाहन जब्ती और उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. पश्चिमी वृत्त के अंतर्गत तराई पूर्वी, तराई केंद्रीय, रामनगर, हल्द्वानी और तराई पश्चिमी डिवीजन आती है. लकड़ी और खनन कारोबार के अलावा इन डिवीजन को वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास के तौर पर जाना जाता है. पिछली वन्यजीव गणना में यहां 125 बाघ और 127 हाथी पाए गए हैं. इसके अलावा वन्यजीवों की अन्य प्रजातियों के जानवरों का भारी संख्या में आवास स्थल है. साथ ही वेस्टर्न सर्किल की सीमा यूपी और नेपाल से लगे होने के चलते काफी संवेदनशील भी माना जाता है.