हल्द्वानी: उत्तराखंड में आपदा के चलते भारी नुकसान हुआ है. 64 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लोगों के लापता होने और फंसे होने की खबरें अभी भी आ रही हैं. रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी है. वहीं, आपदा का असर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में सब्जी, खाद्यान्न और राशन की सप्लाई पर भी पड़ा है.
आपदा प्रभावित इलाकों में पीड़ितों को राहत सामग्री भेजने का काम शुरू हो चुका है. जिसके लिए कई लोग आगे आ रहे हैं. हल्द्वानी में करीब 14 पेट्रोल पंपों पर आपदा राहत सामग्री संग्रह केंद्र लगाए गए हैं. वहीं, हल्द्वानी शहर के अधिक से अधिक लोग राहत सामग्री देकर आपदा पीड़ितों को मदद के लिए खड़े हुए हैं. शहर में आम जनता से अपील की गई है कि वह आपदा पीड़ित लोगों के लिए कपड़े, अनाज, दवाइयां और अन्य जरूरी सामग्री संग्रह केंद्रों पर दे सकते हैं. जिनको आपदा पीड़ितों तक पहुंचाया जाएगा.
उत्तराखंड में मौसम भले ही साफ हो, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अभी सब्जी और जरूरी सामान की सप्लाई पूरी तरह बाधित है. भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में मार्ग अवरुद्ध होने से रोजमर्रा के सामानों की किल्लत शुरू हो गई है. अल्मोड़ा-हल्द्वानी मुख्य मार्ग बीते कई दिनों से बंद है. जिस कारण पहाड़ों में सब्जी, दूध समेत आवश्यक वस्तुओं की किल्लत शुरू हो गई है.
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पहाड़ के बाजारों में प्याज, आलू और अन्य सब्जियों का टोटा है. जिससे सब्जियों के दामों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. हल्द्वानी मंडी में सब्जी से लोड ट्रक खड़े हैं. आढ़तियों का कहना है 18 अक्टूबर से ट्रक बाहर जाने के इंतजार में खड़े थे, उनमें रखी सब्जियां खराब हो गई हैं. यातायात बाधित होने से पहाड़ों की सब्जियां भी हल्द्वानी मंडी नहीं पहुंच पा रही हैं. जिससे काफी नुकसान हुआ है.
मंडी सचिव विश्व विजय सिंह देव का कहना है जिन ट्रकों को सब्जी लेकर बाहर जाना था. वह ट्रक वापस लौटकर हल्द्वानी मंडी आ गए और उस सब्जी को कम दामों पर ही हल्द्वानी मंडी में बेचा गया. पहाड़ के रास्ते खुले नहीं हैं. लिहाजा पहाड़ की सब्जियां हल्द्वानी मंडी नहीं पहुंच पा रही हैं. हल्द्वानी से पहाड़ जाने वाले रास्तों के खुलने का इंतजार किया जा रहा है.
अभी भले ही मौसम साफ हो चुका है, लेकिन आपदा प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन में अभी भी दिक्कतें आ रही हैं. पंतनगर से हेलीकॉप्टर के जरिए ज्यादा प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजने का काम किया जा रहा है, लेकिन पर्वतीय इलाकों में खराब मौसम आपदा राहत बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है. लिहाजा जमीनी स्तर पर आधारित विभागों के लिए राहत सामग्री इकट्ठा करने का काम शुरू किया जा रहा है.