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CORONA EFFECT: चौपट हुई फूलों की खेती, कारोबारी मायूस

हल्द्वानी में बडे पैमाने पर फूलों की खेती होती है. यहां से फूलों की सप्लाई उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक होती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते फूलों का कारोबार ठप होने से कारोबारी चिंतित नजर आ रहे हैं.

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फूलों की खेती
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Published : Apr 29, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Apr 29, 2020, 2:15 PM IST

हल्द्वानीः लॉकडाउन का असर उन कारोबारियों पर भी पड़ा है, जो सीजनल कारोबार करते थे. हल्द्वानी में बड़े पैमाने पर फूलों का कारोबार और खेती होती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते फूलों का कारोबार चौपट हो गया है. इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. कोरोना के चलते शादी समारोह भी प्रभावित हैं. इसका असर फूलों के कारोबार पर भी पड़ रहा है.

यूं तो हर साल अप्रैल से जून के महीने में सैकड़ों शादियां होती हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते शादियां प्रभावित हो रही हैं. शादियों के सीजन में फूलों की काफी डिमांड होती है. इस बार शादियां प्रभावित होने से फूलों के कारोबार पर भी इसका साफ असर देखा जा रहा है. हल्द्वानी में काफी फूलों की खेती होती है. यहां से फूलों की सप्लाई उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक होती है, लेकिन कारोबारी फूलों का कारोबार ठप होने से चिंतित नजर आ रहे हैं.

लॉकडाउन के चलते फूलों की खेती प्रभावित.

ये भी पढ़ेंः सुरक्षा भी सेवा भी: बंजर पहाड़ों को 'आबाद' कर रही ITBP

ज्यादातर जरबेरा, ग्लेडियोलस के फूल बर्बाद हो रहे हैं. एक महीने में करीब 3 बार जरबेरा के फूल सप्लाई किए जाते हैं. यहां करीब एक हजार स्क्वायर फीट में लगाए गए जरबेरा के 7,000 पौधौं से एक महीने में 21 हजार फूल पूजा, शादी और अन्य शुभ संस्कारों में सप्लाई होते है. लेकिन फूलों की डिमांड ना होने से एक फूल व्यवसायी को करीब 10 से 12 लाख का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

फूल कारोबारियों का कहना है कि जरबेरा के एक फूल की कीमत बाजार में 20 से 25 रुपये है. उनके पास करीब 11 रंगों के जरबेरा के फूल हैं, जो लगातार खराब होते जा रहे हैं. अब वो रोजाना इन फूलों को तोड़कर गांव और आस पास के लोगों को फ्री में दे रहे हैं. क्योंकि, उन्हें दोबारा फूल उगाने की तैयारी भी करनी है, लेकिन संशय है कि लॉकडाउन जारी रहा तो मार्किट कैसे मिलेगा.

उनका कहना है कि पूजा, नामकरण, बर्थडे, सालगिरह की भी बुकिंग नहीं मिल पा रही रही है. ऊपर से पॉली हाउस और उसकी देख-रेख का खर्च, दवाई, मजदूरों का खर्च समेत लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.

हल्द्वानीः लॉकडाउन का असर उन कारोबारियों पर भी पड़ा है, जो सीजनल कारोबार करते थे. हल्द्वानी में बड़े पैमाने पर फूलों का कारोबार और खेती होती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते फूलों का कारोबार चौपट हो गया है. इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. कोरोना के चलते शादी समारोह भी प्रभावित हैं. इसका असर फूलों के कारोबार पर भी पड़ रहा है.

यूं तो हर साल अप्रैल से जून के महीने में सैकड़ों शादियां होती हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते शादियां प्रभावित हो रही हैं. शादियों के सीजन में फूलों की काफी डिमांड होती है. इस बार शादियां प्रभावित होने से फूलों के कारोबार पर भी इसका साफ असर देखा जा रहा है. हल्द्वानी में काफी फूलों की खेती होती है. यहां से फूलों की सप्लाई उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक होती है, लेकिन कारोबारी फूलों का कारोबार ठप होने से चिंतित नजर आ रहे हैं.

लॉकडाउन के चलते फूलों की खेती प्रभावित.

ये भी पढ़ेंः सुरक्षा भी सेवा भी: बंजर पहाड़ों को 'आबाद' कर रही ITBP

ज्यादातर जरबेरा, ग्लेडियोलस के फूल बर्बाद हो रहे हैं. एक महीने में करीब 3 बार जरबेरा के फूल सप्लाई किए जाते हैं. यहां करीब एक हजार स्क्वायर फीट में लगाए गए जरबेरा के 7,000 पौधौं से एक महीने में 21 हजार फूल पूजा, शादी और अन्य शुभ संस्कारों में सप्लाई होते है. लेकिन फूलों की डिमांड ना होने से एक फूल व्यवसायी को करीब 10 से 12 लाख का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

फूल कारोबारियों का कहना है कि जरबेरा के एक फूल की कीमत बाजार में 20 से 25 रुपये है. उनके पास करीब 11 रंगों के जरबेरा के फूल हैं, जो लगातार खराब होते जा रहे हैं. अब वो रोजाना इन फूलों को तोड़कर गांव और आस पास के लोगों को फ्री में दे रहे हैं. क्योंकि, उन्हें दोबारा फूल उगाने की तैयारी भी करनी है, लेकिन संशय है कि लॉकडाउन जारी रहा तो मार्किट कैसे मिलेगा.

उनका कहना है कि पूजा, नामकरण, बर्थडे, सालगिरह की भी बुकिंग नहीं मिल पा रही रही है. ऊपर से पॉली हाउस और उसकी देख-रेख का खर्च, दवाई, मजदूरों का खर्च समेत लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.

Last Updated : Apr 29, 2020, 2:15 PM IST
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