हल्द्वानी: साल का पहला सूर्यग्रहण 10 जून बृहस्पतिवार को लगेगा. भारतीय पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को कंकणाकृति सूर्यग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण उत्तराखंड समेत समूचे भारत में नहीं दिखेगा. इस कारण ग्रहण का सूतक भारत में नहीं रहेगा.
ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक यह अखंड सूर्यग्रहण यूनिवर्सल समय अनुसार 9:50 से शुरू होगा. इसकी मोक्ष प्राप्ति 11:34 पर होगी. यह अखंड सूर्य ग्रहण पूर्वी उत्तरी अमेरिका, मंगोलिया, चीन, नार्वे, ग्रीनलैंड, यूके ,यूरोप आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा और वहीं पर इसका प्रभाव भी देखा जाएगा. इसके अलावा यह सूर्य ग्रहण कनाडा, रूस आदि देशों में भी दिखाई देगा. इन देशों में ग्रहण का यूनिवर्सल समय 10:01 से होकर 11:21 करीब एक घंटा 22 मिनट तक दिखाई देगा, जबकि भारतीय समय अनुसार सूर्य ग्रहण 3:20 से 5:04 तक रहेगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा.
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ज्योतिष के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव पश्चिमी देशों पर रहेगा ग्रहों के अनुसार पश्चिमी देशों में इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव भी पड़ेगा. जहां आपदा, युद्ध जैसी स्थिति समुद्री तूफान के अलावा पश्चिमी देशों में कोरोना महामारी फिर से आ सकती हैं, क्योंकि उसी दिन शनि जयंती भी है. सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है.
ज्योतिष के अनुसार भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. भगवान सूर्य वृष राशि में राहु के साथ हैं. नौ ग्रहों में भगवान सूर्य सबसे बलवान हैं, जो भारत के लिए फलदाई माना जा रहा है. कोरोना महामारी से मुक्ति मिलेगी.
यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि, मकर राशि के लिए सामान्य रहेगा, जबकि अन्य राशियों के लिए भी ठीक रहेगा. भारत में इसका कोई सूतक नहीं होने से धार्मिक, मांगलिक, वैवाहिक कार्यक्रम किये जा सकते हैं.