रामनगर: उत्तराखंड में जी 20 की दो महत्वपूर्ण बैठकें होनी हैं. जिसमें पहली बैठक 28, 29 और 30 मार्च को रामनगर में होनी है. उत्तराखंड जी-20 की पहली बैठक की मेजबानी के लिए तैयार है. इसके लिए रामनगर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं. जिसके तहत जी-20 बैठक के आयोजन स्थल, दीवारों और सड़कों किनारे उत्तराखंड की सभ्यता, संस्कृति को दिखाया जा रहा है. इस काम की जिम्मेदारी फाइन आर्ट में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने उत्तराखंड की पहली महिला कुसुम पांडे को दी गई है.
बता दें फाइन आर्ट में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित उत्तराखंड की पहली दृश्य कला आर्टिस्ट कुसुम पांडे और उनकी टीम ने 28, 29, 30 मार्च को होने वाली जी-20 की बैठक को लेकर दीवारों पर उत्तराखड की संस्कृति को उकेरने का जिम्मा लिया है. कुसुम पांडे ने महाविद्यालय की दीवारों पर उत्तराखंड की संस्कृति को उतारा है.
इन तस्वीरों में उत्तराखंड की संस्कृति, रहन-सहन के अलावा उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों को दर्शाया गया है. कुसुम पांडे और उनकी टीम अपनी कला के जरिए दीवारों के सौंदर्यीकरण के साथ साथ रामनगर की खूबसूरती में चार चांद लगाने में जुटी हैं. कुसुम पांडे और उनकी टीम के काम की हर कोई तारीफ कर रहा है. कुसुम पांडे ने अपनी कला के जरिये दीवारों को जीवंत कर दिया है, जो बिना कहे ही उत्तराखंड को बड़ी खूबसूरती से बयां कर रही हैं.
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62वें नेशनल ललित कला अकादमी पुरस्कार में संगीत के क्षेत्र में नरेंद्र सिंह नेगी और दृश्य कला के लिए कुसुम पांडे सम्मानित किया गया था. कुसुम पांडे मूल रूप से हल्द्वानी की रहने वाली हैं. कुसुम पांडे ने कहा कि जी-20 की बैठक में देश एवं विदेश से आने वाले मेहमान इन पेंटिंग के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू होंगे. साथ ही इससे प्रेरित होकर वे अपने देशों में भी इस संस्कृति का प्रचार प्रसार करेंगे. जिससे उत्तराखंड का विदेशों में भी लोगों की जुबां पर आएगा.
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बता दें रामनगर में 28, 29 और 30 मार्च को जी-20 की बैठक होनी है. रामनगर में होने वाली तीन दिवसीय जी 20 की बैठक में 70 विदेशी मेहमानों के साथ 30 भारतीय अधिकारी भी शामिल होंगे. इस बैठक की मेजबानी उत्तराखंड और सरकार दोनों के लिए गौरव की बात है. जिसके कारण उत्तराखंड सरकार इसकी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है.