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हल्द्वानी: वित्त मंत्री के राहत पैकेज से लघु उद्योग में खुशी - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लघु सूक्ष्म और मझोले उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ ऋण देने की घोषणा की है. जिसकी छोटे और मझोले उद्यमियों ने सराहना की है.

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Published : May 14, 2020, 2:07 PM IST

Updated : May 14, 2020, 3:45 PM IST

हल्द्वानी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लघु सूक्ष्म और मझोले उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ ऋण देने की घोषणा की है. जिसकी छोटे और मझोले उद्यमियों ने सराहना की है. लेकिन उद्यमियों ने सरकार से मांग की है कि बैंकों से मिलने वाले ऋण में सब्सिडी दी जाए. जिससे उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही लघु सूक्ष्म उद्योग के लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की पूर्ति होगी. वहीं, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

लघु उद्योग में खुशी.

वहीं, बेलवाल भोग आटा और मसाला उद्योग के प्रबंधक मुकेश बेलवाल के मुताबिक, लघु और सूक्ष्म उद्योग पहले से ही आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बिना गारंटी के लघु उद्यमियों को दिए जाने वाले ऋण एक सराहनीय कदम है. लेकिन सरकार को चाहिए कि लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाने वाली ऋण में सब्सिडी दी जाए. जिससे कि उद्यमी अपने उद्योगों को चला सके.

छोटे उद्यमियों के मुताबिक लॉकडाउन के चलते लोग पलायन कर चुके हैं. बाजारों में मंदी है, ऐसे में छोटे-छोटे उद्योगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अगर छोटे उद्यमी दोबारा से लोन लेता है तो फिर से ऋण के बोझ तले दब जाएगा, क्योंकि बाजारों में आटा सहित अन्य उत्पादकों की डिमांड कम हो चुकी है.

पढ़ें: बेंगलुरु से चली स्पेशल ट्रेन आज पहुंचेगी हरिद्वार, 1341 प्रवासियों की होगी घरवापसी

वहीं, उद्यमियों ने सरकार से मांग की है कि लघु और सूक्ष्म मझोले उद्यमियों को अपने कारोबार को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार द्वारा बिना गारंटी के दिए जाने वाले में सब्सिडी दी जाए. जिससे कि छोटे-छोटे उद्यमी अपने उद्योगों को दोबारा से चला सके.

हल्द्वानी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लघु सूक्ष्म और मझोले उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ ऋण देने की घोषणा की है. जिसकी छोटे और मझोले उद्यमियों ने सराहना की है. लेकिन उद्यमियों ने सरकार से मांग की है कि बैंकों से मिलने वाले ऋण में सब्सिडी दी जाए. जिससे उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही लघु सूक्ष्म उद्योग के लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की पूर्ति होगी. वहीं, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

लघु उद्योग में खुशी.

वहीं, बेलवाल भोग आटा और मसाला उद्योग के प्रबंधक मुकेश बेलवाल के मुताबिक, लघु और सूक्ष्म उद्योग पहले से ही आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बिना गारंटी के लघु उद्यमियों को दिए जाने वाले ऋण एक सराहनीय कदम है. लेकिन सरकार को चाहिए कि लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाने वाली ऋण में सब्सिडी दी जाए. जिससे कि उद्यमी अपने उद्योगों को चला सके.

छोटे उद्यमियों के मुताबिक लॉकडाउन के चलते लोग पलायन कर चुके हैं. बाजारों में मंदी है, ऐसे में छोटे-छोटे उद्योगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अगर छोटे उद्यमी दोबारा से लोन लेता है तो फिर से ऋण के बोझ तले दब जाएगा, क्योंकि बाजारों में आटा सहित अन्य उत्पादकों की डिमांड कम हो चुकी है.

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वहीं, उद्यमियों ने सरकार से मांग की है कि लघु और सूक्ष्म मझोले उद्यमियों को अपने कारोबार को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार द्वारा बिना गारंटी के दिए जाने वाले में सब्सिडी दी जाए. जिससे कि छोटे-छोटे उद्यमी अपने उद्योगों को दोबारा से चला सके.

Last Updated : May 14, 2020, 3:45 PM IST
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