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सूखी धरती और प्यासा किसान, पहाड़ी किसानों को सरकार से मदद की दरकार - Nainital farmers upset

पहाड़ी जिले में फसल के लिए प्रसिद्ध धारी, रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे के हालात हैं. इसके चलते किसानों को अब राज्य सरकार से मदद की दरकार है. जिससे गरीब काश्तकारों को राहत मिल सके.

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सरकार से मदद दरकार
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Published : Apr 12, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 3:26 PM IST

नैनीताल: जिले के धारी, मुक्तेश्वर, रामगढ़ समेत आस-पास के क्षेत्रों में अन्नदाता इस बार मौसम की बेरुखी के चलते काफी परेशान हैं. इस बार नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ना के बराबर हुई है. इसकी वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में सूखे के हालात उत्पन्न होने लगे हैं. इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में आलू, मटर, बीन समेत कई फसलें उगाई जाती हैं. जिन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

पहाड़ी किसानों को सरकार से मदद की दरकार.

हालांकि जैसे तैसे काश्तकार सिंचाई कर अपनी फसल उगाने में लगे हुए है, तो वहीं दूसरी तरफ अप्रैल के महीने में पाले ने आलू और मटर की फसल की बर्बाद कर दी है. धारी, मुक्तेश्वर के दर्जनों गांव में पाले ने फसल को बर्बाद कर दिया है. किसानों की माने तो उन्होंने पहली बार ऐसा हुआ कि अप्रैल के महीने में पाला पड़ा है. पाले की वजह से लोद, गल्ला, सूपी, सुनकीय गांवों के किसानों की फसल चौपट होने लगी है. जिस वजह से किसानों के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें : गंगा पंचोली ने किया जीत का दावा, कहा- पहाड़ की महिलाओं का समझती हूं दर्द

बता दें कि धारी, रामगढ़ प्रदेश की फल पट्टी कहा जाता है. इस बार बारिश और बर्फबारी ना होने से किसान पहले की बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे है. खेती में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही जंगलों की आग ने भी मुश्किल बढ़ा दी है. वहीं अब क्षेत्र के किसान राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ताकि पहाड़ के गरीब काश्तकारों को थोड़ी राहत मिल सके.

नैनीताल: जिले के धारी, मुक्तेश्वर, रामगढ़ समेत आस-पास के क्षेत्रों में अन्नदाता इस बार मौसम की बेरुखी के चलते काफी परेशान हैं. इस बार नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ना के बराबर हुई है. इसकी वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में सूखे के हालात उत्पन्न होने लगे हैं. इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में आलू, मटर, बीन समेत कई फसलें उगाई जाती हैं. जिन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

पहाड़ी किसानों को सरकार से मदद की दरकार.

हालांकि जैसे तैसे काश्तकार सिंचाई कर अपनी फसल उगाने में लगे हुए है, तो वहीं दूसरी तरफ अप्रैल के महीने में पाले ने आलू और मटर की फसल की बर्बाद कर दी है. धारी, मुक्तेश्वर के दर्जनों गांव में पाले ने फसल को बर्बाद कर दिया है. किसानों की माने तो उन्होंने पहली बार ऐसा हुआ कि अप्रैल के महीने में पाला पड़ा है. पाले की वजह से लोद, गल्ला, सूपी, सुनकीय गांवों के किसानों की फसल चौपट होने लगी है. जिस वजह से किसानों के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो चुकी है.

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बता दें कि धारी, रामगढ़ प्रदेश की फल पट्टी कहा जाता है. इस बार बारिश और बर्फबारी ना होने से किसान पहले की बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे है. खेती में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही जंगलों की आग ने भी मुश्किल बढ़ा दी है. वहीं अब क्षेत्र के किसान राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ताकि पहाड़ के गरीब काश्तकारों को थोड़ी राहत मिल सके.

Last Updated : Apr 17, 2021, 3:26 PM IST
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