कालाढूंगीः नैनीताल के कालाढूंगी और कोटाबाग क्षेत्र में टमाटर का उत्पादन बहुतायत मात्रा में किया जाता है, मगर मौजूदा समय में टमाटर के गिरते दामों ने कास्तकारों की चिंताएं बढ़ा दी है. टमाटर के उचित दाम ना मिलने से कास्तकार टमाटर को जानवरों को खिलाने को मजबूर हैं.
कालाढूंगी और कोटाबाग के किसानों की आजीविका टमाटर की खेती पर निर्भर करती है, लेकिन टमाटर के उचित दाम ना मिलने से किसानों की लागत भी वापस नहीं मिल पा रहा है. वहीं, टमाटर के गिरते दामों का मुख्य कारण टमाटर का निर्यात न होना बताया जा रहा है. यही नहीं, किसानों ने टमाटर को मंडी में भेजना भी बंद कर दिया है और टमाटर के खेतों को भी उजाड़ दिया है. टमाटर का ढेर खेतों में रखा हुआ है, लेकिन टमाटर को मंडी भेजने से किसानों को किराए तक के दाम भी नहीं मिल पा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यारा गांव, सरकार कब लेगी सुध
वहीं, कोटाबाग के किसान नवीन पंत का कहना है कि यहां के किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत कास्तकारी है, लेकिन मौजूदा समय में किसानों को टमाटर का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान आर्थिक तंगी के शिकार हैं. टमाटर के दामों में गिरावट आने का मुख्य कारण निर्यात का नहीं होना बताया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि टमाटर को मंडी तक पहुंचाने का किराया भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण किसान टमाटरों को जानवरों को खिलाने को मजबूर हैं.