रामनगरः आजादी के 74 साल और उत्तराखंड बनने के 21 साल बाद भी चुकम गांव के ग्रामीण बरसात होते ही गांव में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं. पिछले हफ्ते जमकर हुई बरसात की वजह से कोसी नदी उफान पर है. इसकी वजह से ग्रामीण गांव में कैद होने को मजबूर हैं.
बता दें कि कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारें आईं और गईं. दोनों सरकारें भले ही विकास के लाख दावे कर लें, पर जमीनी स्तर पर कुछ और ही देखने को मिलता है. ऐसा ही एक नजारा रामनगर से 22 किलोमीटर दूर मोहान के चुकम गांव का है. यहां के लोग आज भी अपने घर चुकम में नदी को पार करके जाने को मजबूर हैं.
गांव वाले पुल बनाने को लेकर दोनों पार्टियों की सरकारों के दरवाजे खटखटा चुके हैं. आजतक वादों के अलावा ग्रामीणों के हाथ और कुछ भी नहीं लगा. ग्रामीण जरूरी सामान के लिए जान हथेली पर रखकर नदी को तैरकर बाजार जाने को मजबूर हैं.
सीजन की पहली ही बारिश से चुकम गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. यहां रहने वाले लोगों को बाजार आने-जाने के लिए कोसी नदी को पार करना पड़ता है. बारिश के बाद से कोसी नदी अपने उफान पर है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर इस नदी को पार करने को मजबूर हैं.
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वहीं, ग्रामीणों की इस समस्या के विषय में उपजिलाधिकारी विजयनाथ शुक्ल यह कहकर अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए कि आपातकालीन परिस्थितियों में वहां जाने के लिए एक 8 किमी का पैदल रास्ता भी है, जो कि थोड़ा कठिन है. लेकिन है रास्ता.