ETV Bharat / state

स्वाभिमान रैली को लेकर युवाओं में जोश HIGH, कुमाऊं से बड़ी संख्या में देहरादून पहुंचेंगे लोग - Enthusiasm regarding Swabhiman Rally in Kumaon

Preparations for Swabhiman Rally in Kumaon 24 दिसंबर को देहरादून में स्वाभिमान रैली का आयोजन किया गया है. जिसे लेकर युवाओं में खासा जोश देखा जा रहा है. कुमाऊं से भी भारी संख्या में युवा देहरादून पहुंचेंगे.पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने भी स्वाभिमान रैली को समर्थन दिया है.

Etv Bharat
स्वाभिमान रैली को लेकर युवाओं में जोश HIGH
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 22, 2023, 4:32 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 4:56 PM IST

स्वाभिमान रैली को लेकर युवाओं में जोश HIGH

हल्द्वानी/टिहरी: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. उत्तराखंड के तमाम संगठनों ने 24 दिसंबर को देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान रैली बुलाई है. जिसमें भारी संख्या में लोगों की पहुंचने की उम्मीद है. इसी के तहत हल्द्वानी में सामाजिक संगठनों ने मूल निवास और भू कानून को लेकर बैठक करते हुए ,कुमाऊं मंडल से भारी संख्या में लोगों को देहरादून पहुंचने की अपील की. सामाजिक संगठन के लोगों ने हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में मूल निवास और भू कानून 1950 को लेकर खुली चर्चा की.

इस चर्चा में तय किया गया कि देहरादून में महारैली के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाए. बैठक में वक्ताओं ने कहा प्रदेश के बाहरी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार नियमों के साथ छेड़छाड़ कर रही है. वक्ताओं ने कहा राज्य की नौकरियों पर पहले उत्तराखंड वासियों का हक है लेकिन ऐसे लचर कानून की वजह से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं का हक मारा जा रहा है. 1950 मूल स्थाई निवास और भू-कानून को लेकर काफी लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है. सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही है .जिसके चलते आगामी 24 तारीख को देहरादून में इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा.

पढे़ं- राजभवन घेराव करने निकले कांग्रेसियों ने पुलिस ने रोका, करन माहरा समेत कई लोगों को हिरासत में लिया

दरअसल, उत्तराखंड में राज्य गठन के समय यहां रह रहे लोगों को स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त है .सरकार मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के बजाए स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करती है. इससे स्थानीय लोगों को हक हकूकों पर मार पड़ रही है. बाहरी प्रदेशों का कोई भी व्यक्ति आसानी से उत्तराखंड का स्थायी निवासी बन जा रहा है. राज्य की तमाम योजनाओं और नौकरियों का लाभ ले रहा है, जबकि संविधान में साफ कहा गया है कि वर्ष 1950 में जो व्यक्त जिस राज्य में रह रहा हो, वो और उसकी पीढ़ियां उसी राज्य की मूल निवासी होंगी. उत्तराखंड में किसी दूसरे राज्य के मूल निवासी लोग भी आसानी से स्थायी निवासी बन रहे हैं. उन्हें तमाम योजनाओं का लाभ मिल रहा है.

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने दिया समर्थन:उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै ने भी मूल निवास को लेकर आहूत की गयी 24 दिसम्बर की रैली को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा रैली में उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि 1950 के आधार पर राज्य में मूल निवास की व्यवस्था को बहाल की जाये. सख्त भू-कानून भी भी दिनेश धनै ने मांग की.

स्वाभिमान रैली को लेकर युवाओं में जोश HIGH

हल्द्वानी/टिहरी: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. उत्तराखंड के तमाम संगठनों ने 24 दिसंबर को देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान रैली बुलाई है. जिसमें भारी संख्या में लोगों की पहुंचने की उम्मीद है. इसी के तहत हल्द्वानी में सामाजिक संगठनों ने मूल निवास और भू कानून को लेकर बैठक करते हुए ,कुमाऊं मंडल से भारी संख्या में लोगों को देहरादून पहुंचने की अपील की. सामाजिक संगठन के लोगों ने हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में मूल निवास और भू कानून 1950 को लेकर खुली चर्चा की.

इस चर्चा में तय किया गया कि देहरादून में महारैली के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाए. बैठक में वक्ताओं ने कहा प्रदेश के बाहरी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार नियमों के साथ छेड़छाड़ कर रही है. वक्ताओं ने कहा राज्य की नौकरियों पर पहले उत्तराखंड वासियों का हक है लेकिन ऐसे लचर कानून की वजह से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं का हक मारा जा रहा है. 1950 मूल स्थाई निवास और भू-कानून को लेकर काफी लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है. सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही है .जिसके चलते आगामी 24 तारीख को देहरादून में इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा.

पढे़ं- राजभवन घेराव करने निकले कांग्रेसियों ने पुलिस ने रोका, करन माहरा समेत कई लोगों को हिरासत में लिया

दरअसल, उत्तराखंड में राज्य गठन के समय यहां रह रहे लोगों को स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त है .सरकार मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के बजाए स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करती है. इससे स्थानीय लोगों को हक हकूकों पर मार पड़ रही है. बाहरी प्रदेशों का कोई भी व्यक्ति आसानी से उत्तराखंड का स्थायी निवासी बन जा रहा है. राज्य की तमाम योजनाओं और नौकरियों का लाभ ले रहा है, जबकि संविधान में साफ कहा गया है कि वर्ष 1950 में जो व्यक्त जिस राज्य में रह रहा हो, वो और उसकी पीढ़ियां उसी राज्य की मूल निवासी होंगी. उत्तराखंड में किसी दूसरे राज्य के मूल निवासी लोग भी आसानी से स्थायी निवासी बन रहे हैं. उन्हें तमाम योजनाओं का लाभ मिल रहा है.

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने दिया समर्थन:उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै ने भी मूल निवास को लेकर आहूत की गयी 24 दिसम्बर की रैली को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा रैली में उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि 1950 के आधार पर राज्य में मूल निवास की व्यवस्था को बहाल की जाये. सख्त भू-कानून भी भी दिनेश धनै ने मांग की.

Last Updated : Dec 22, 2023, 4:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.