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इंजीनियर ने कबाड़ बेचने के लिए बनाया एप, ऑनलाइन हो रही खरीदारी, युवाओं को मिल रहा रोजगार

पेशे से इंजीनियर लोकेश गुणवंत ने एक ऐसा एप तैयार किया है, जिससे आप घर बैठे कबाड़ को बेच सकते हैं और उसका उचित मूल्य भी पा सकते हैं. लोकेश गुणवंत ने इस कार्य में कुछ युवाओं को भी जोड़ा है, जिससे उन्हें घर बैठे रोजगार मिल सके.

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Published : Jun 10, 2023, 3:29 PM IST

Updated : Jun 11, 2023, 7:01 AM IST

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कबाड़ बेचने के लिए एप

हल्द्वानी: आपको अपने घर पर पड़े कबाड़ को बेचने के लिए कबाड़ी की तलाश करनी पड़ती है. कबाड़ खरीदने के लिए गली मोहल्ले में कबाड़ी तो आते हैं, लेकिन कबाड़ के वाजिब दाम आपको नहीं देते हैं. इसी को देखते हुए हल्द्वानी के रहने वाले पेशे से इंजीनियर लोकेश गुणवंत ने शहर में एक कबाड़ का स्टार्टअप शुरू किया है, जहां वो ऑनलाइन कबाड़ की खरीदारी कर रहे हैं.

अगर आपको कबाड़ बेचना है तो घर बैठे Scrapdoor एप पर ऑनलाइन कबाड़ बेच सकते हैं. लोकेश गुणवंत ने बताया कि उन्होंने लोगों से घर बैठे कबाड़ खरीदने के लिए Scrapdoor नाम से एप तैयार किया है. जहां कबाड़ बेचने वाला व्यक्ति एप डाउनलोड कर अपनी सुविधा के अनुसार कबाड़ को बेच सकता है. एप के माध्यम से कबाड़ की कैटेगरी और उसकी प्राइस भी अपलोड किए गए हैं. जहां कबाड़ बेचने वालों को अन्य कबाड़ी की तुलना में अधिक रेट मिलता है. इसके अलावा एप के माध्यम से लोगों को स्क्रैप डोर टीम के स्वच्छता अभियान से भी जोड़ा जाता है.

पढ़ें-उत्तराखंड में दिखावा साबित हो रहे सरकारी मोबाइल एप! रिव्यू पढ़कर छूटेगी हंसी

लोकेश गुणवंत ने बताया कि कई बार देखने में आता है कि नौकरी पेशा वाले व्यक्ति समय के अभाव में अपने घरेलू कबाड़ को नहीं बेच पाते हैं. ऐसे में अगर कोई कबाड़ बेचना चाहता है तो एप में अपना डिटेल डाल सकते हैं. जिसके बाद टीम के सदस्य उक्त व्यक्ति से फोन पर संपर्क कर समय की सुविधा के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से कबाड़ का वजन कर, उसे राशि का भुगतान करते हैं. बाद में कबाड़ में से रीसाइक्लिंग हो सकने वाला सामान अलग कर लिया जाता है. जिसे दुरुस्त कर या उससे दूसरी चीजें बना कर इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने बताया कि स्क्रैप डोर एप शुरू करने का मकसद है कि लोगों को उनके कबाड़ के अच्छे दाम के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान में भी लोगों की सहभागिता हो. साथ ही इस तरह के स्टार्टअप से युवाओं को भी जोड़ा जा सके, जिससे उनको रोजगार भी मिल सके. वर्तमान समय में इस स्टार्टअप से टीम लीडर के रूप में गरिमा मेहता, करन फर्त्याल और अमित जोशी सहित 10 युवा शामिल हैं. जिनको रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. इसके अलावा टीम द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

कबाड़ बेचने के लिए एप

हल्द्वानी: आपको अपने घर पर पड़े कबाड़ को बेचने के लिए कबाड़ी की तलाश करनी पड़ती है. कबाड़ खरीदने के लिए गली मोहल्ले में कबाड़ी तो आते हैं, लेकिन कबाड़ के वाजिब दाम आपको नहीं देते हैं. इसी को देखते हुए हल्द्वानी के रहने वाले पेशे से इंजीनियर लोकेश गुणवंत ने शहर में एक कबाड़ का स्टार्टअप शुरू किया है, जहां वो ऑनलाइन कबाड़ की खरीदारी कर रहे हैं.

अगर आपको कबाड़ बेचना है तो घर बैठे Scrapdoor एप पर ऑनलाइन कबाड़ बेच सकते हैं. लोकेश गुणवंत ने बताया कि उन्होंने लोगों से घर बैठे कबाड़ खरीदने के लिए Scrapdoor नाम से एप तैयार किया है. जहां कबाड़ बेचने वाला व्यक्ति एप डाउनलोड कर अपनी सुविधा के अनुसार कबाड़ को बेच सकता है. एप के माध्यम से कबाड़ की कैटेगरी और उसकी प्राइस भी अपलोड किए गए हैं. जहां कबाड़ बेचने वालों को अन्य कबाड़ी की तुलना में अधिक रेट मिलता है. इसके अलावा एप के माध्यम से लोगों को स्क्रैप डोर टीम के स्वच्छता अभियान से भी जोड़ा जाता है.

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लोकेश गुणवंत ने बताया कि कई बार देखने में आता है कि नौकरी पेशा वाले व्यक्ति समय के अभाव में अपने घरेलू कबाड़ को नहीं बेच पाते हैं. ऐसे में अगर कोई कबाड़ बेचना चाहता है तो एप में अपना डिटेल डाल सकते हैं. जिसके बाद टीम के सदस्य उक्त व्यक्ति से फोन पर संपर्क कर समय की सुविधा के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से कबाड़ का वजन कर, उसे राशि का भुगतान करते हैं. बाद में कबाड़ में से रीसाइक्लिंग हो सकने वाला सामान अलग कर लिया जाता है. जिसे दुरुस्त कर या उससे दूसरी चीजें बना कर इस्तेमाल किया जाता है.

उन्होंने बताया कि स्क्रैप डोर एप शुरू करने का मकसद है कि लोगों को उनके कबाड़ के अच्छे दाम के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान में भी लोगों की सहभागिता हो. साथ ही इस तरह के स्टार्टअप से युवाओं को भी जोड़ा जा सके, जिससे उनको रोजगार भी मिल सके. वर्तमान समय में इस स्टार्टअप से टीम लीडर के रूप में गरिमा मेहता, करन फर्त्याल और अमित जोशी सहित 10 युवा शामिल हैं. जिनको रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. इसके अलावा टीम द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

Last Updated : Jun 11, 2023, 7:01 AM IST
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