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जंगली हाथी कर रहे फसलों को बर्बाद, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

हल्द्वानी के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़, गंगापुर, भांदेव नेवाड़ गांवों में इन दिनों हाथियों ने आतंक मचा रखा है. पिछले 3 महीनों से हाथियों का झुंड शाम ढलते ही जंगल से निकालकर ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहा है. साथ ही गन्ने, धान सहित अन्य फसलों को जमकर रौंदकर नुकसान पहुंचा रहे हैं.

जंगली हाथी कर रहे ग्रामीणों की फसल को बर्बाद.
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Published : Oct 15, 2019, 11:56 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 7:19 AM IST

हल्द्वानी: केंद्रीय तराई वन प्रभाग में इन दिनों जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा है. हाथियों का झुंड शाम ढलते ही जंगलों से ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर किसानों की फसल को नष्ट कर रहे हैं. वहीं, हाथियों को भगाने जा रहे ग्रामीण के ऊपर भी हमला कर देते हैं. ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है, लेकिन वन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

जंगली हाथी कर रहे ग्रामीणों की फसल को बर्बाद.

वहीं, ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को बार-बार शिकायत करने के बाद भी विभाग इन हाथियों पर रोकथाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. हाथियों ने ग्रामीणों की कई एकड़ फसलों को रौंदकर बर्बाद कर दिया है. वहीं, वन विभाग से भी इनको कोई मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अब ग्रामीणों पर हमला बोल रहे हैं, ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने गुप्ता बधुओं के बेटों की शादी में फैले कूड़े के निस्तारण में हुए खर्च का ब्योरा मांगा

वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर पराग मधुकर घकाते ने बताया कि हाथी ग्रामीण इलाकों में प्रवेश न पाए इसके लिए चौकीदार की व्यवस्था की गई है. मुआवजे के लिए समय-समय पर किसानों के फसलों के हुए नुकसान का सर्वे भी किया जाता है. जहां कहीं से हाथियों के ग्रामीण इलाकों में घुसने की सूचना मिलती है, वहां पर वन विभाग द्वारा हाथियों को भगाया जाता है.

हल्द्वानी: केंद्रीय तराई वन प्रभाग में इन दिनों जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा है. हाथियों का झुंड शाम ढलते ही जंगलों से ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर किसानों की फसल को नष्ट कर रहे हैं. वहीं, हाथियों को भगाने जा रहे ग्रामीण के ऊपर भी हमला कर देते हैं. ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है, लेकिन वन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

जंगली हाथी कर रहे ग्रामीणों की फसल को बर्बाद.

वहीं, ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को बार-बार शिकायत करने के बाद भी विभाग इन हाथियों पर रोकथाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. हाथियों ने ग्रामीणों की कई एकड़ फसलों को रौंदकर बर्बाद कर दिया है. वहीं, वन विभाग से भी इनको कोई मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अब ग्रामीणों पर हमला बोल रहे हैं, ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है.

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वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर पराग मधुकर घकाते ने बताया कि हाथी ग्रामीण इलाकों में प्रवेश न पाए इसके लिए चौकीदार की व्यवस्था की गई है. मुआवजे के लिए समय-समय पर किसानों के फसलों के हुए नुकसान का सर्वे भी किया जाता है. जहां कहीं से हाथियों के ग्रामीण इलाकों में घुसने की सूचना मिलती है, वहां पर वन विभाग द्वारा हाथियों को भगाया जाता है.

Intro:sammry- हाथियों का आतंक ग्रामीणों को बना जान माल का खतरा।
एंकर- हल्द्वानी के केंद्रीय तराई वन प्रभाग में इन दिनों जंगली हाथियों ने अपना आतंक मचा रखा है। हाथियों का झुंड शाम ढलते ही जंगलों से निकल ग्रामीण इलाकों में पहुंच धान और गन्ने की फसल पर जमकर उत्पात मचा रहे हैं यही नहीं हाथियों को भगाने जा रहे ग्रामीण के ऊपर भी हाथी अब हमला कर रहे हैं ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है लेकिन वन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


Body:हल्द्वानी के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़, गंगापुर ,भांदेव नेवाड़ गांवो में इन दिनों हाथियों ने अपना आतंक मचा रखा है। पिछले 3 महीनों से हाथियों का झुंड शाम ढलते ही जंगल से निकाला ग्रामीण इलाकों में पहुंच गन्ने,धान सहित अन्य फसलों को जमकर रौद नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को बार-बार शिकायत करने के बाद भी वन विभाग इन हाथियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है ।यही नहीं हाथियों ने ग्रामीणों के कई एकड़ फसलों को रौद कर बर्बाद कर दिया है लेकिन वन विभाग से भी इनको कोई मुआवजा नहीं मिल पा रहा है ऐसे में हाथी अब ग्रामीणों के ऊपर भी हमला बोल रहे हैं ।ग्रामीणों का कहना है कि हाथी अब ग्रामीणों पर हमला बोल रहे हैं ऐसे में जानमाल का खतरा बना हुआ है।

बाइट -दया किशन जोशी ग्रामीण


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले में वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर पराग मधुकर घकाते का कहना है कि इन मौसम में हाथियों का सीजन होता है। हाथियों को ग्रामीण इलाकों में प्रवेश ना आए इसके लिए चौकीदार की व्यवस्था की गई है। मुआवजे के लिए समय-समय पर किसानों के फसलों के हुए नुकसान का सर्वे भी किया जाता है। जहां कहीं से हाथियों की ग्रामीण इलाकों में घुसने की सूचना मिलती है वहां पर वन विभाग द्वारा हाथियों को भगाया जाता है।

वाइट -पराग मधुकर घकाते वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त
Last Updated : Oct 16, 2019, 7:19 AM IST
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