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कालाढूंगी वन रेंज में मिला नर हाथी का शव, तहकीकात में जुटा वन महकमा

कालाढूंगी रेंज (kaladhungi Forest range) के नलनी बीट में लगातार हाथियों के मौत के मामले सामने आ रहे हैं. एक बार फिर हाथी का शव मिलने से कई सवाल उठ रहे हैं, वन महमकमा इस मामले को जंगली जानवरों के आपसी संघर्ष मान रहा है. फिलहाल वन विभाग की टीम हाथी के मौत की तहकीकात कर रही है.

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Published : Jan 3, 2023, 7:41 AM IST

हल्द्वानी: रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज के नलनी बीट के कंपार्ट सात में एक नर हाथी के शव मिलने से वन विभाग (Haldwani Forest Department) में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया है. पूरे मामले में वन विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है.

हाथी के सभी अंग सुरक्षित: बताया जा रहा है कि हाथी के पिछले हिस्से को बाघ ने निवाला बनाया था. प्रथम दृष्टया में हाथी की मौत बाघ के हमले से लग रही है. वन क्षेत्राधिकारी ख्याली राम आर्य ने बताया कि नलनी बीट में जंगल में गश्त के दौरान टीम को एक हाथी का शव मिला. हाथी का पिछला हिस्सा बाघ ने खाया हुआ था. वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती व डॉ. आयुष उनियाल द्वारा हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा. शव दो से तीन दिन पुराना है. हाथी की उम्र लगभग आठ वर्ष बताई जा रही है, हाथी के सभी अंग सुरक्षित है.
पढ़ें-हाथी की मौत के बाद जागा वन महकमा, स्पीड गन से ट्रेनों की रफ्तार की करेगा निगरानी

आपसी संघर्ष बताई जा रही वजह: गौरतलब है कि तराई के जंगलों में भारी तादाद में हाथियों की संख्या है अक्सर हाथियों की जंगलों में मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं. पूर्व में भी वन्यजीवों के आपसी संघर्ष में कई हाथियों की मौत हो चुकी है. दिसंबर 2022 में गौला नदी के मोटाहल्दू खनन निकासी गेट के पास जंगल में एक टस्कर हाथी की आपसी संघर्ष में मौत हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से हाथी की मौत का मामला सामने आया है, जहां प्रथम दृष्टया में लग रहा है कि बाघ या हाथी की आपसी संघर्ष में हाथी की जान गई होगी. वन क्षेत्राधिकारी ख्यालीराम आर्य का कहना है कि जंगल में कई बार हाथियों के बीच आपसी संघर्ष के मामले भी सामने आते हैं.

हल्द्वानी: रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज के नलनी बीट के कंपार्ट सात में एक नर हाथी के शव मिलने से वन विभाग (Haldwani Forest Department) में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया है. पूरे मामले में वन विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है.

हाथी के सभी अंग सुरक्षित: बताया जा रहा है कि हाथी के पिछले हिस्से को बाघ ने निवाला बनाया था. प्रथम दृष्टया में हाथी की मौत बाघ के हमले से लग रही है. वन क्षेत्राधिकारी ख्याली राम आर्य ने बताया कि नलनी बीट में जंगल में गश्त के दौरान टीम को एक हाथी का शव मिला. हाथी का पिछला हिस्सा बाघ ने खाया हुआ था. वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती व डॉ. आयुष उनियाल द्वारा हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा. शव दो से तीन दिन पुराना है. हाथी की उम्र लगभग आठ वर्ष बताई जा रही है, हाथी के सभी अंग सुरक्षित है.
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आपसी संघर्ष बताई जा रही वजह: गौरतलब है कि तराई के जंगलों में भारी तादाद में हाथियों की संख्या है अक्सर हाथियों की जंगलों में मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं. पूर्व में भी वन्यजीवों के आपसी संघर्ष में कई हाथियों की मौत हो चुकी है. दिसंबर 2022 में गौला नदी के मोटाहल्दू खनन निकासी गेट के पास जंगल में एक टस्कर हाथी की आपसी संघर्ष में मौत हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से हाथी की मौत का मामला सामने आया है, जहां प्रथम दृष्टया में लग रहा है कि बाघ या हाथी की आपसी संघर्ष में हाथी की जान गई होगी. वन क्षेत्राधिकारी ख्यालीराम आर्य का कहना है कि जंगल में कई बार हाथियों के बीच आपसी संघर्ष के मामले भी सामने आते हैं.

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