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इलेक्ट्रिफाइड डमी बाघों को इंसानों से रखेगी दूर, व्यवहार में भी आएगा बदलाव

बाघों को इंसानों से दूर करने के लिए वन विभाग विदेशी तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इससे न सिर्फ बाघों के हमलों में कमी आएगी, बल्कि उसके व्यवहार में भी बदलाव आएगा.

Ramnagar
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Published : Dec 31, 2022, 5:03 PM IST

बाघों को इंसानों से दूर करेगी इलेक्ट्रिफाइड डमी.

रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर बाघ की दस्तक देखने को मिलती है, जिस कारण यहां पर लोग जंगली जानवरों के डर के साए में जीने को मजबूर है. इन इलाकों में बाघ से हमलों से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में मानव-वन्यजीव को बीच बढ़ते इस संघर्ष पर काबू पाना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि बाघ हमलों की कम करने के लिए वन विभाग नए-नए तरीके अपनाता रहता है, ऐसे ही एक और तरीका वन विभाग ने इजात किया है. जिससे बाघ को इंसानों से दूर रखने का प्रयास किया जाएगा.

दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग रामनगर लगे क्षेत्र में बीते दो हफ्तों में मानव वन्यजीव संघर्ष की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद से ही कॉर्बेट प्रशासन और वन प्रभाग रामनगर ज्यादा चौकन्ना हो चुके हैं. दोनों विभाग की संयुक्त टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास भी कर रही है, जिसके लिए हाथियों की मदद से वैटनरी डॉक्टरों की तीन टीमें क्षेत्र में गश्त कर रही है, ताकि बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सके. वहीं ड्रोन कैमरों से भी बाघ पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इन सबसे अलग वन विभाग की चिंता बाघ के इंसानों पर किए जा रहे हमले को लेकर है. इसके लिए भी वन विभाग ने रास्ता खोजा है.
पढ़ें- उत्तराखंड में लाइव स्ट्रीमिंग से आदमखोर बाघ होगा ट्रैक! लगाए गए कैमरे

बाघ के हमलों को रोकने के लिए पहली बार वन विभाग विदेशों की तर्ज पर ही इलेक्ट्रिफाइड इंसानों सी दिखने वाली डमी का उपयोग कर रहा है. वन विभाग का मानना है कि इससे आक्रमक हो रहे बाघों के व्यवहार में बदलाव आएगा.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक ने डॉक्टर धीरज पांडेय ने बताया कि बाघों के हमलों को रोकने के लिए पुरुष और महिला की इलेक्ट्रिफाइड डमी बनाई गई है. ये डमी बाघों के हमले वाले क्षेत्रों में रखी जायेगी. इन इलेक्ट्रिफाइड डमी पर जब भी बाघ हमला करेगा तो उसमें करंट दौड़ेगा. विदेशों में इस तरीके के प्रयोग पहले किये जा चुके है. इस क्षेत्र में यह पहला प्रयोग है. हालांकि इससे पहले कालागढ़ क्षेत्र में इस तरह के प्रयोग किए जा चुके है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए थे.

बता दें कि बीते कुछ समय में बाघ यहां पर 6 लोगों पर हमला किया है, जिसमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दो गंभीर रूप से घायल हुए थे. ऐसे में कॉर्बेट नेशनल पार्क के अनुरोध पर इलाके में धारा 144 को भी लागू किया गया.
पढ़ें- बाघ के चलते उत्तराखंड के इस इलाके में लगी धारा-144, जानें कारण

वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल ने भी बाघों के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बाघ को चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही विभाग द्वारा इस बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

बाघों को इंसानों से दूर करेगी इलेक्ट्रिफाइड डमी.

रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर बाघ की दस्तक देखने को मिलती है, जिस कारण यहां पर लोग जंगली जानवरों के डर के साए में जीने को मजबूर है. इन इलाकों में बाघ से हमलों से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में मानव-वन्यजीव को बीच बढ़ते इस संघर्ष पर काबू पाना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि बाघ हमलों की कम करने के लिए वन विभाग नए-नए तरीके अपनाता रहता है, ऐसे ही एक और तरीका वन विभाग ने इजात किया है. जिससे बाघ को इंसानों से दूर रखने का प्रयास किया जाएगा.

दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग रामनगर लगे क्षेत्र में बीते दो हफ्तों में मानव वन्यजीव संघर्ष की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद से ही कॉर्बेट प्रशासन और वन प्रभाग रामनगर ज्यादा चौकन्ना हो चुके हैं. दोनों विभाग की संयुक्त टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास भी कर रही है, जिसके लिए हाथियों की मदद से वैटनरी डॉक्टरों की तीन टीमें क्षेत्र में गश्त कर रही है, ताकि बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सके. वहीं ड्रोन कैमरों से भी बाघ पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इन सबसे अलग वन विभाग की चिंता बाघ के इंसानों पर किए जा रहे हमले को लेकर है. इसके लिए भी वन विभाग ने रास्ता खोजा है.
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बाघ के हमलों को रोकने के लिए पहली बार वन विभाग विदेशों की तर्ज पर ही इलेक्ट्रिफाइड इंसानों सी दिखने वाली डमी का उपयोग कर रहा है. वन विभाग का मानना है कि इससे आक्रमक हो रहे बाघों के व्यवहार में बदलाव आएगा.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक ने डॉक्टर धीरज पांडेय ने बताया कि बाघों के हमलों को रोकने के लिए पुरुष और महिला की इलेक्ट्रिफाइड डमी बनाई गई है. ये डमी बाघों के हमले वाले क्षेत्रों में रखी जायेगी. इन इलेक्ट्रिफाइड डमी पर जब भी बाघ हमला करेगा तो उसमें करंट दौड़ेगा. विदेशों में इस तरीके के प्रयोग पहले किये जा चुके है. इस क्षेत्र में यह पहला प्रयोग है. हालांकि इससे पहले कालागढ़ क्षेत्र में इस तरह के प्रयोग किए जा चुके है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए थे.

बता दें कि बीते कुछ समय में बाघ यहां पर 6 लोगों पर हमला किया है, जिसमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दो गंभीर रूप से घायल हुए थे. ऐसे में कॉर्बेट नेशनल पार्क के अनुरोध पर इलाके में धारा 144 को भी लागू किया गया.
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वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल ने भी बाघों के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बाघ को चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही विभाग द्वारा इस बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

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