हल्द्वानी: कोरोना लॉकडाउन के कारण भारी संख्या में उत्तराखंडी प्रवासी अपने घरों को लौट चुके हैं. ऐसे में इन प्रवासियों के सामने अब आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. वहीं, अब लोगों को अपने बच्चों के भविष्य की भी चिंता सता रही है. अभिभावकों को अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाई कराने के लिए बजट नहीं है. ऐसे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने पहाड़ को लौटे प्रवासियों और आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराए.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. सभी स्कूलों में अनुभवी और पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को हाईटेक करने का काम किया जा रहा है. कई सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों की तरह व्यवस्थाएं और शिक्षा दे रहे हैं. शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का लगातार काम किया जा रहा है, ऐसे में सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों के एडमिशन करवाने वाले अभिभावकों का स्वागत है.
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हल्द्वानी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा ने बताया कि सरकार और स्कूल प्रशासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. स्कूलों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड के साथ-साथ डिजिटल पढ़ाई की शुरुआत हो चुकी है. सभी विद्यालयों में बिजली, पानी और शौचालय की पूर्ण व्यवस्था है. इसके अलावा फर्नीचर की भी व्यवस्था की जा रही है. कई स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है, जहां फर्नीचर की व्यवस्था कराई जा रही है. साथ ही सभी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में अनुभवी शिक्षक भी उपलब्ध है. ऐसे में बाहर से आए प्रवासी या आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभावक निसंकोच होकर अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराएं. जिससे कि उन बच्चों की अच्छी शिक्षा दी जा सके.