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Selfie Point Echo Bridge: रामनगर में सरीसृपों के लिए बने ईको ब्रिज हो रहे क्षतिग्रस्त, जानिए कारण

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Published : Jan 23, 2023, 10:44 AM IST

रामनगर के कालाढूंगी व फतेहपुर रेंज में सरीसृपों के लिए बने ईको ब्रिज देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. रेंगकर चलने वाले जीवों को सड़क पार करने के लिए बनाए गए इन पुलों पर चढ़कर लोग सेल्फी ले रहे हैं, जिससे इन ईको पुलों को खासा नुकसान हो रहा है.

Ramnagar
ईको ब्रिज
सरीसृपों के लिए बनाए गए ईको ब्रिज हो रहे क्षतिग्रस्त.

रामनगर: वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत कालाढूंगी व फतेहपुर रेंज में सरीसृपों (रेंग कर चलने वाले जीव जैसे सांप) को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बनाए गए ईको ब्रिज सार्थक साबित हो रहा है. इस क्षेत्र में रेंगने वाले जीवों की लगातार वाहनों से कुचलकर होने वाली मौतों पर 99 प्रतिशत तक विराम लग चुका है. लेकिन अब लोग इन पुलों को सेल्फी प्वाइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इन पुलों को क्षति पहुंच रही है.

इन पुलों को क्षतिग्रस्त कर रहे लोग: कालाढूंगी नैनीताल राज्यमार्ग से लगातार गुजरने वाले राहगीर खुशाल सिंह कहते हैं कि वन विभाग की ये अच्छी पहल है. उन्होंने कई बार इस ब्रिज से सड़क पार करते हुए जीवों को देखा है. वन्यजीव प्रेमी मोहन पांडे कहते हैं कि वन विभाग की ये एक अच्छी पहल है. लेकिन लोग अब इस ब्रिज पर चढ़कर सेल्फी ले रहे हैं. ऐसा करने से पुल पर कई जगह के बांस उखड़ गए हैं, जो चिंता का विषय है.

दो लाख में बनकर तैयार हुआ ईको ब्रिज: इस ईको ब्रिज को रामनगर वन प्रभाग ने बनाया था. ये राज्य का पहला ईको ब्रिज है, जो पहले 90 फीट का था, जिसको बाद में 20 फीट और बढ़ाया गया. यह ब्रीज 5 फीट चौड़ा है. यह ब्रिज 2 से 3 व्यक्तियों का भार आसानी से सहन कर सकता है. इस ब्रिज को रस्सी, घास और बांस की मदद से कालाढूंगी-नैनीताल हाईवे पर बनाया गया है. यह राजमार्ग नैनीताल का मुख्य मार्ग है. विशेष रूप से पर्यटन सीजन में बड़ी संख्या में वाहनों द्वारा उपयोग किया जाता है.

यू-आकार की ढलान पर बनाया गया पुल: रामनगर वन प्रभाग ने साल 2020 में सरीसृपों को सड़क पार करने में मदद के लिए ईको ब्रिज यानी पुल का निर्माण किया था. कालाढूंगी व फतेहपुर रेंज में इन पुलों को ऐसे बिंदु के पास बनाया गया है, जहां से आगे की सड़क एक U-आकार की ढलान की ओर जाती है. गश्त के दौरान वन विभाग की टीमों ने देखा कि सड़क दुर्घटना में सापों की मौत हो रही है. इसलिए वन विभाग ने इन पुलों का निर्माण रेंग कर चलने वाले जीवों को सुरक्षित रखने किए किया था. इन पुलों से सरीसृप आसानी से सड़क पार कर लेते हैं.
ये भी पढ़ें- Shortage of Village Development Officers: ऐसे कैसे संवरेंगे गांव, जब ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं तैनात

रामनगर वन प्रभाग की एसडीओ पूनम कैंथोला ने बताया कि 2020-21 में कालाढूंगी रेंज में ईको ब्रिज का निर्माण किया गया था, जिसकी लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर चौड़ाई थी. ये ब्रिज सरीसृपों को बचाने का एक प्रयास था. क्योंकि इन रास्तों पर अक्सर सरीसृपों की मौत हो रही थी. इसलिए विभाग ने इनका निर्माण किया था.

सरीसृपों के लिए बनाए गए ईको ब्रिज हो रहे क्षतिग्रस्त.

रामनगर: वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत कालाढूंगी व फतेहपुर रेंज में सरीसृपों (रेंग कर चलने वाले जीव जैसे सांप) को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए बनाए गए ईको ब्रिज सार्थक साबित हो रहा है. इस क्षेत्र में रेंगने वाले जीवों की लगातार वाहनों से कुचलकर होने वाली मौतों पर 99 प्रतिशत तक विराम लग चुका है. लेकिन अब लोग इन पुलों को सेल्फी प्वाइंट की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इन पुलों को क्षति पहुंच रही है.

इन पुलों को क्षतिग्रस्त कर रहे लोग: कालाढूंगी नैनीताल राज्यमार्ग से लगातार गुजरने वाले राहगीर खुशाल सिंह कहते हैं कि वन विभाग की ये अच्छी पहल है. उन्होंने कई बार इस ब्रिज से सड़क पार करते हुए जीवों को देखा है. वन्यजीव प्रेमी मोहन पांडे कहते हैं कि वन विभाग की ये एक अच्छी पहल है. लेकिन लोग अब इस ब्रिज पर चढ़कर सेल्फी ले रहे हैं. ऐसा करने से पुल पर कई जगह के बांस उखड़ गए हैं, जो चिंता का विषय है.

दो लाख में बनकर तैयार हुआ ईको ब्रिज: इस ईको ब्रिज को रामनगर वन प्रभाग ने बनाया था. ये राज्य का पहला ईको ब्रिज है, जो पहले 90 फीट का था, जिसको बाद में 20 फीट और बढ़ाया गया. यह ब्रीज 5 फीट चौड़ा है. यह ब्रिज 2 से 3 व्यक्तियों का भार आसानी से सहन कर सकता है. इस ब्रिज को रस्सी, घास और बांस की मदद से कालाढूंगी-नैनीताल हाईवे पर बनाया गया है. यह राजमार्ग नैनीताल का मुख्य मार्ग है. विशेष रूप से पर्यटन सीजन में बड़ी संख्या में वाहनों द्वारा उपयोग किया जाता है.

यू-आकार की ढलान पर बनाया गया पुल: रामनगर वन प्रभाग ने साल 2020 में सरीसृपों को सड़क पार करने में मदद के लिए ईको ब्रिज यानी पुल का निर्माण किया था. कालाढूंगी व फतेहपुर रेंज में इन पुलों को ऐसे बिंदु के पास बनाया गया है, जहां से आगे की सड़क एक U-आकार की ढलान की ओर जाती है. गश्त के दौरान वन विभाग की टीमों ने देखा कि सड़क दुर्घटना में सापों की मौत हो रही है. इसलिए वन विभाग ने इन पुलों का निर्माण रेंग कर चलने वाले जीवों को सुरक्षित रखने किए किया था. इन पुलों से सरीसृप आसानी से सड़क पार कर लेते हैं.
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रामनगर वन प्रभाग की एसडीओ पूनम कैंथोला ने बताया कि 2020-21 में कालाढूंगी रेंज में ईको ब्रिज का निर्माण किया गया था, जिसकी लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 1.5 मीटर चौड़ाई थी. ये ब्रिज सरीसृपों को बचाने का एक प्रयास था. क्योंकि इन रास्तों पर अक्सर सरीसृपों की मौत हो रही थी. इसलिए विभाग ने इनका निर्माण किया था.

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