हल्द्वानी: प्रदेश में दैवीय आपदा के चलते पेयजल विभाग को पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी नुकसान हुआ है. भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से रामनगर और नैनीताल में पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. साथ ही पेयजल स्रोतों को भी नुकसान पहुंचा है. जानकारी मिली है कि 260 योजनाओं के तहत सप्लाई की जाने वाले पेयजल आपूर्ति की 50 योजनाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं.
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार सक्सेना का कहना है कि नैनीताल जिले में जल संस्थान को भारी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ में जल स्रोत और पाइप लाइन के साथ-साथ फिल्टर प्लांट को भी नुकसान पहुंचा है. जिले में करीब 60 फीसदी पेयजल सप्लाई बंद पड़ी हैं. जिसे ठीक करने का काम किया जा रहा है.
सक्सेना ने बताया कि हल्द्वानी की गौला नदी से फिल्टर प्लांट की सप्लाई भी तीन दिन से बंद थी. नदी के पानी में सिल्ट आने से फिल्टर प्लांट ने काम करना बंद कर दिया था, जिसको ठीक कर शहर की पेयजल व्यवस्था शुरू कर दी गई है. जिन क्षेत्रों में पेयजल संकट बना हुआ है, उन क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की सप्लाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिले में पेयजल व्यवस्था को पूर्ण रूप से सुचारू करने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है.
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जल संस्थान को 2 करोड़ का नुकसान: उन्होंने बताया कि रामनगर, लालकुआं, हल्द्वानी पेयजल खंड को काफी नुकसान पहुंचा है. रामनगर डिवीजन में करीब 65 लाख, हल्द्वानी डिवीजन को 55 लाख, लालकुआं डिवीजन को 14 लाख और नैनीताल डिवीजन को करीब 62 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.