हल्द्वानी: पूर्ण वेतन की मांग को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद अब भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. पिछले लंबे समय से पीजी डॉक्टर सरकार द्वारा उन्हें पूर्व वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इससे पूर्व भी डॉक्टर द्वारा कई बार हड़ताल किया जा चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को पूर्ण वेतन नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में डॉक्टरों ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ-साथ भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था भी लड़खड़ा गई है.
डॉक्टरों का कहना है कि इसी साल जनवरी महीने में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व वेतन देने की घोषणा की थी. लेकिन डॉक्टरों को अभी तक पूर्ण वेतन नहीं दिया जा रहा है. आधे वेतन मात्र ₹33000 वेतन देकर उनसे 24 -24 घंटे काम किया जा रहा है. लेकिन सरकार उनको पूर्ण वेतन देने की वादा करने के बाद भी वेतन नहीं दे रही है.
छात्रों ने कहा कि जब तक उनको पूर्ण वेतन देने की शासनादेश सरकार द्वारा जारी नहीं हो जाता तब तक वह लोग भूख हड़ताल के साथ-साथ कार्य बहिष्कार पर करेंगे. छात्रों का कहना है कि अब मेडिकल प्रशासन उनको केस करने की धमकी दे रहा है. लेकिन उनको पूर्ण वेतन देने के लिए सरकार से कोई पहल नहीं कर पा रहा है.
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वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि हड़ताल पर गए डॉक्टरों से वार्ता की जा रही है. डॉक्टर की मांग को शासन स्तर पर पहुंचा दिया गया है. शासन के स्तर पर ही निर्णय लिया जाना है. उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर जल्द अपनी हड़ताल को खत्म नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन के तहत मामला दर्ज कराया जाएगा.
गौरतलब है कि एक दिसंबर से सुशीला तिवारी अस्पताल की सभी ओपीडी खोल दी गई है. ऐसे में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका असर दिखा जा रहा है.