नैनीताल: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उत्तराखंड में डॉक्टरों के पास अपनी जान बचाने के लिए पीपीई किट नहीं है. जिसका मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है. आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया व रवींद्र मैठानी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के डॉक्टरों के पास कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट व आधुनिक उपकरण नहीं हैं. जिससे डॉक्टरों की जान पर खतरा मंडरा रहा है.
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लिहाजा उन्होंने डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट व आधुनिक उपकरण देने की बात कही. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया व न्यायाधीश रवींद्र मैठानी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 18 अप्रैल तक अपना विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
साथ ही राज्य सरकार से उत्तराखंड के रामनगर, नैनीताल और हरिद्वार समेत उधम सिंह नगर में कोरोना टेस्ट लैब खोलने की बात पूछा है. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि हर अस्पताल में कितने पीपीई किट डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारियों के लिए उपलब्ध हैं.