हल्द्वानी: नैनीताल के भीमताल में दहशत का पर्याय बन चुके आदमखोर वन्यजीव के बारे में बड़ी जानकारी मिली है. 13 दिन के भीतर 3 महिलाओं को निवाला बना चुके आदमखोर वन्यजीव की शिकार हुईं दो महिलाओं की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आ चुकी है. दोनों घटनाओं की रिपोर्ट में एक ही वन्यजीव की पुष्टि हुई है, जबकि तीसरी घटना में शिकार हुई युवती की डीएनए रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
दो घटनाओं में बाघ के होने की पुष्टि: बीते 7 दिसंबर और 9 दिसंबर को वन्यजीव के हमले में दो महिलाओं की मौत हो गई थी. भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों महिलाओं की डीएनए रिपोर्ट से पता चला है कि इनपर बाघ ने हमला किया था. वन संरक्षक टी बिजूलाल नैनीताल ने बताया कि 7 दिसंबर और 9 दिसंबर को घटी घटना में बाघ के होने की पुष्टि हुई है. दरअसल, अबतक हमलावर वन्यजीव को लेकर संशय की स्थिति थी. वहीं, 23 दिसंबर को पिंजरे में कैद हुए गुलदार के भी आदमखोर होने की जांच की जा रही है. टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया है.
वहीं, भीमताल के मलूवाताल, अलचौना और पिनरो गांव में कर्फ्यू जैसे हालात हैं. आदमखोर वन्यजीव ने 7 दिसंबर से लेकर 19 दिसंबर तक (13 दिनों के अंदर) तीन महिलाओं को निवाला बनाया है. दो महिलाओं के हमलावर वन्यजीव की पहचान हो गई है. दोनों घटनाओं को एक ही बाघ ने अंजाम दिया है. इस बीच दहशत के कारण ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
पहली घटना 7 दिसंबर को हुई थी. भीमताल विधानसभा क्षेत्र में मलूवाताल के कसाइल तोक निवासी इंदिरा देवी को बाघ ने अपना शिकार बनाया था. दरअसल, देर शाम 35 वर्षीय इंदिरा देवी खेत में काम कर रही थी जब बाघ ने उसपर हमला किया. वहीं, दूसरी घटना 9 दिसंबर को घटित हुई. खेत में कार्य कर रहीं पिनरो गांव की पुष्पा देवी पर बाघ ने हमला किया. इसके बाद 19 दिसंबर को अलचौना गांव के तोक ताड़ा निवासी निकिता शर्मा (19 वर्ष) को आदमखोर ने मौत के घाट उतारा. निकिता की घटना में शामिल वन्यजीव की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
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पिथौरागढ़ के चार गांव में गुलदार का आतंक: वहीं, कुमाऊं के सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय के निकट तड़ीगांव, मडखडायत, भूनीगांव, घुंसेरागांव में इन दिनों गुलदार का आतंक एक बार फिर बढ़ गया है. शनिवार दोपहर भूनीगांव गांव में ग्रामीण सोनू पुनेड़ा के आंगन में बंधी एक बकरी को गुलदार ने अपना निवाला बनाने की कोशिश की. ग्रामीणों के शोर मचाने पर गुलदार बकरी को छोड़कर भाग गया. इससे पूर्व भी स्थानीय निवासी गोविंद बल्लभ पुनेड़ा को गुलदार ने दो अलग-अलग घटनाओं में जबकि ग्रामीण रमेश जोशी पर भी गुलदार हमला कर घायल कर चुका है.