रामनगरः कहते हैं मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. हौसले बुलंद हो तो दिव्यांगता कभी आड़े नहीं आती है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है, बायें पैर से दिव्यांग और गरीब परिवार की बेटी शबाना ने. शबाना ने मलेशिया में आयोजित सीटिंग वॉलीबॉल में गोल्ड मेडल जीत कर देश और राज्य का नाम रोशन किया है. वहीं, शबाना को रामनगर नगर पालिका में सभासदों और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सम्मानित किया गया.
बता दें कि रामनगर की रहने वाली शबाना बाएं पैर से विकलांग है. वो गरीब परिवार से ताल्लुख रखती है. दिव्यांगता के बावजूद शबाना ने अपने हुनर से मलेशिया में आयोजित सीटिंग वॉलीबॉल में गोल्ड मेडल जीता है. इसी कड़ी में शबाना को नगर पालिका सभासदों और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम ने शबाना की उपलब्धियों पर उन्हें बधाई दी. इस दौरान उन्होंने शबाना को आगामी 15 अगस्त को नगर पालिका की ओर से पुरस्कृत करने की घोषणा भी की.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शबाना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और खेल मंत्री अरविंद पांडे का भी आभार जताया. शबाना ने बताया कि मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने और फीस जमा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. जिस पर उसने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके निवास पर मुलाकात की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उसे 45 हजार रुपये देकर उसका हौसला बढ़ाया था.
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जिससे वो गोल्ड मेडल जीतकर उनके भरोसे को कायम रख पाई है. वहीं, शबाना का लक्ष्य भविष्य में एशियाड जीतना है. साथ ही सरकारी नौकरी हासिल कर अपनी जीविका के लिए संसधान जुटाना है. शबाना अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच और अपने सहयोगी को देती है.
गोल्ड मेडलिस्ट शबाना का सफर
दिव्यांग गोल्ड मेडलिस्ट शबाना जन्म से बायें पैर से दिव्यांग है, लेकिन शबाना ने परिवार की गरीबी और विकलांगता को अपनी बुलंद इरादों के आगे आने नहीं दिया. शबाना ने कोच मंजीत सिंह से दिव्यांगों के लिए होने वाली सीटिंग वॉलीबॉल में दक्षता हासिल की और उत्तराखंड टीम का हिस्सा बनी.
शबाना ने साल 2016-17 में जयपुर के अर्जुन स्टेडियम, 2018 में तमिलनाडु के कोटमयूर में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. जिसमें कई कांस्य और सिल्बर मेडल हासिल किए थे. इसी कड़ी में इस बार 17 से 22 अप्रैल तक मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है.