हल्द्वानीः शहर में जिला आबकारी नियंत्रण भवन जर्जर हो चुका है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. दशकों पुराना भवन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. दीवार टूटकर गिर रही है. वहीं विभाग और राज्य सरकार भवन को दुरुस्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.
हल्द्वानी स्थित आबकारी विभाग का नियंत्रण कक्ष शहर के बीचोंबीच स्थित है. दशकों पुराना भवन जर्जर हो चुका है. बरसात के समय कार्यालय में जगह-जगह पानी टपकता है. भवन की छत लकड़ी व टीन से बनी हुई है, जबकि दीवारें पुराने जमाने के पत्थरों से निर्मित हैं. खंडहर हो चुके भवन की दीवार जगह-जगह से गिर रही है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं.
यही नहीं विभाग के जिला आबकारी अधिकारी नैनीताल में कार्यालय में बैठे हुए हैं. वहीं संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल का कार्यालय हल्द्वानी में एक किराए के भवन में चल रहा है. इस पूरे मामले में संयुक्त आबकारी आयुक्त केके कांडपाल का कहना है कि विभाग का यह बहुत पुराना भवन है.
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इसके पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रहा है. डीपीआर जल्द शासन को जल्द भेजा जाना है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से अनुमति मिलते ही निर्माण हो जाएगा. वहीं सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत आबकारी विभाग है.
हल्द्वानी के आबकारी भवन की जर्जर होने के चलते अधिकारियों ने अपना ठिकाना तो बदल लिया. वहां काम करने वाले छोटे कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. ऐसे में कोई विभाग कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. जबकि जर्जर भवन में आबकारी कंट्रोल रूम चल रहा है. वहीं विभाग हर साल सरकार को करोड़ों का राजस्व देता है.