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हल्द्वानीः जिला आबकारी नियंत्रण भवन दे रहा हादसों को दावत, खौफ के साए में कर्मचारी - जर्जर भवन में चल रहा आबकारी कार्यालय

हल्द्वानी का जिला आबकारी कंट्रोल रूम खंडार भवन में चल रहा है. यहां कभी भी हादसा हो सकता है. यहां कार्यरत कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं.

जिला आबकारी
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Published : Jan 7, 2020, 12:00 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 12:13 PM IST

हल्द्वानीः शहर में जिला आबकारी नियंत्रण भवन जर्जर हो चुका है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. दशकों पुराना भवन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. दीवार टूटकर गिर रही है. वहीं विभाग और राज्य सरकार भवन को दुरुस्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.

जिला आबकारी कंट्रोल रूम की इमारत जर्जर.

हल्द्वानी स्थित आबकारी विभाग का नियंत्रण कक्ष शहर के बीचोंबीच स्थित है. दशकों पुराना भवन जर्जर हो चुका है. बरसात के समय कार्यालय में जगह-जगह पानी टपकता है. भवन की छत लकड़ी व टीन से बनी हुई है, जबकि दीवारें पुराने जमाने के पत्थरों से निर्मित हैं. खंडहर हो चुके भवन की दीवार जगह-जगह से गिर रही है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं.

यही नहीं विभाग के जिला आबकारी अधिकारी नैनीताल में कार्यालय में बैठे हुए हैं. वहीं संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल का कार्यालय हल्द्वानी में एक किराए के भवन में चल रहा है. इस पूरे मामले में संयुक्त आबकारी आयुक्त केके कांडपाल का कहना है कि विभाग का यह बहुत पुराना भवन है.

यह भी पढ़ेंः 1960 से पूरे देश में नहीं हुआ भूमि बंदोबस्त, अब उत्तराखंड सरकार करने जा रही पहल

इसके पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रहा है. डीपीआर जल्द शासन को जल्द भेजा जाना है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से अनुमति मिलते ही निर्माण हो जाएगा. वहीं सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत आबकारी विभाग है.

हल्द्वानी के आबकारी भवन की जर्जर होने के चलते अधिकारियों ने अपना ठिकाना तो बदल लिया. वहां काम करने वाले छोटे कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. ऐसे में कोई विभाग कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. जबकि जर्जर भवन में आबकारी कंट्रोल रूम चल रहा है. वहीं विभाग हर साल सरकार को करोड़ों का राजस्व देता है.

हल्द्वानीः शहर में जिला आबकारी नियंत्रण भवन जर्जर हो चुका है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. दशकों पुराना भवन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. दीवार टूटकर गिर रही है. वहीं विभाग और राज्य सरकार भवन को दुरुस्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.

जिला आबकारी कंट्रोल रूम की इमारत जर्जर.

हल्द्वानी स्थित आबकारी विभाग का नियंत्रण कक्ष शहर के बीचोंबीच स्थित है. दशकों पुराना भवन जर्जर हो चुका है. बरसात के समय कार्यालय में जगह-जगह पानी टपकता है. भवन की छत लकड़ी व टीन से बनी हुई है, जबकि दीवारें पुराने जमाने के पत्थरों से निर्मित हैं. खंडहर हो चुके भवन की दीवार जगह-जगह से गिर रही है. ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं.

यही नहीं विभाग के जिला आबकारी अधिकारी नैनीताल में कार्यालय में बैठे हुए हैं. वहीं संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल का कार्यालय हल्द्वानी में एक किराए के भवन में चल रहा है. इस पूरे मामले में संयुक्त आबकारी आयुक्त केके कांडपाल का कहना है कि विभाग का यह बहुत पुराना भवन है.

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इसके पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रहा है. डीपीआर जल्द शासन को जल्द भेजा जाना है. उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से अनुमति मिलते ही निर्माण हो जाएगा. वहीं सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत आबकारी विभाग है.

हल्द्वानी के आबकारी भवन की जर्जर होने के चलते अधिकारियों ने अपना ठिकाना तो बदल लिया. वहां काम करने वाले छोटे कर्मचारी डर के साए में कार्य करने को मजबूर हैं. ऐसे में कोई विभाग कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. जबकि जर्जर भवन में आबकारी कंट्रोल रूम चल रहा है. वहीं विभाग हर साल सरकार को करोड़ों का राजस्व देता है.

Intro:sammry- जर्जर भवन में चल रहा है जिला आबकारी कंट्रोल रूम। कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर।


एंकर- सरकार को हर वर्ष करोड़ों का राजस्व देने वाला हल्द्वानी का जिला आबकारी नियंत्रण कक्ष पिछले कई दशकों से जर्जर हो चुके खंडार भवन में चल रहा है ।ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं। दशकों पुराना भवन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है ।दीवार टूट टूट कर गिर रही हैं ।लेकिन विभाग और सरकार इस भवन के पुनर्निर्माण तक की जहमत भी नहीं उठा रहा है।


Body:हल्द्वानी स्थित आबकारी विभाग का नियंत्रण कक्ष शहर के बीचोंबीच स्थित है दशकों पुराना भवनजर्जर हो चुका है दीवारें टूट टूट कर गिर रही हैं बरसातों में आलम यह है कि पूरा पानी कार्यालय के अंदर चला जाता है। भवन की छत और लकड़ी टीन से बनी हुई है जबकी दीवारें पुराने जमाने में पत्थरों से निर्मित की गई है। खंडहर हो चुके भवन के दीवार जगह-जगह से गिर रहे हैं। ऐसे में वहां काम करने वाले कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर है।
यही नहीं विभाग के जिला आबकारी अधिकारी नैनीताल में अपना कार्यालय में बैठे हुए हैं। वहीं संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल का कार्यालय हल्द्वानी में एक किराए के भवन में चल रहा है।

इस पूरे मामले में संयुक्त आबकारी आयुक्त केके कांडपाल का कहना है कि विभाग का यह बहुत पुराना भवन है ।इसके पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। डीपीआर जल्द शासन को जल्द भेजा जाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि शासन से अनुमति मिलते ही निर्माण हो जाएगा।

बाइट- केके कांडपाल संयुक्त आयुक्त आबकारी विभाग कुमाऊं मंडल


Conclusion:सरकार को राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत आबकारी विभाग है हल्द्वानी के आबकारी भवन की जर्जर होने के चलते अधिकारियों ने अपना ठिकाना तो बदल लिया ।वहां काम करने वाले छोटे कर्मचारी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं। ऐसे में कोई विभाग कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
Last Updated : Jan 8, 2020, 12:13 PM IST
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