नैनीताल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में नैनीताल में स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर हुए अवैध कब्जों पर जिला प्रशासन ने जेसीबी मशीन चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
42 अतिक्रमणकरियों को किया गया चिन्हित: एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि हाइकोर्ट के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कवायद चल रही है. प्रशासन ने 42 अतिक्रमणकरियों को चिन्हित कर सभी को अपने अतिक्रमण खुद हटाने के आदेश देते हुए 15 सितंबर की तारीख तय की थी. इसके बाद अब जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को बलपूर्वक खाली करा रहा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 40% से अधिक लोगों ने अपने घरों को खुद तोड़ा है.
अतिक्रमण प्रवाहित क्षेत्र में प्रशासन की टीम पर पथराव: शनिवार देर रात अतिक्रमण प्रभावित क्षेत्र में कुछ लोगों ने प्रशासन की टीम के ऊपर पत्थरबाजी की. इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना था कि प्रशासन बार-बार उनके घरों को चिन्हित कर उनका उत्पीड़न कर रहा है. जिससे वो मानसिक रूप से परेशान हैं.
मौके पर तैनात रहा पुलिस बल: अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई को लेकर कुमाऊं के विभिन्न जिलों से बुलाई गए पुलिस को पूरे क्षेत्र में तैनात किया गया, ताकि प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत उत्पन्न ना हो.
कहीं पे जमीन कहीं की रजिस्ट्री: सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने के नोटिस के बाद कुछ लोगों ने जनहित याचिका में अपना पक्ष रखने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था. हाकोर्ट पहुंचे याचिका कर्ताओं का कहना था कि जिस भूमि पर उनके घर और दुकानें बनी हैं वो उसके मालिक की हैं और उनके पास जमीन के दस्तावेज मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें अतिक्रमणकारी कहते हुए हटाने की कार्य योजना तैयार हो रही है.
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जिसके बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने नैनीताल जिला प्रशासन को जमीनों की और जांच करने के निर्देश दिए थे.जिला प्रशासन द्वारा जमीनों की जांच में पाया कि जो लोग हाईकोर्ट पहुंचे हैं और जिन भूमियों की रजिस्ट्री उनके पास मौजूद हैं,वो किसी दूसरे स्थान की है. इसके बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे. जिसके तहत प्रशासन का बुलडोजर अवैध घरों में चल रहा है.
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