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लॉकडाउन: टैक्सी चालकों की रोजी रोटी प्रभावित, सरकार से लगाई मदद की गुहार - इंश्योरेंस टैक्स

लॉकडाउन के बीच टैक्सी चालकों को इंश्योरेंस टैक्स और बैंकों की किस्त चुकाने तक के लाले पड़े हैं. वहीं, टैक्सी चालकों ने इंश्योरेंस टैक्स और बैंकों की किस्त माफ करने की सरकार से गुहार लगाई है.

टैक्सी ड्राइवर
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Published : May 4, 2020, 11:34 PM IST

Updated : May 5, 2020, 10:49 AM IST

हल्द्वानी: लॉकडाउन का सीधा असर करोड़ों लोगों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल में हजारों टैक्सी चालकों के सामने लॉकडाउन का असर पड़ा है. ऐसे में टैक्सी कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने सरकार से टैक्सी वाहनों के टैक्स इंश्योरेंस और बैंक किस्त माफ करने के मांग की है. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि उनके पास बुकिंग आ रही है, लेकिन परमिशन और पास नहीं मिलने के चलते लोग नहीं जा पा रहे हैं.

सरकार से लगाई मदद की गुहार.

बता दें कि उत्तराखंड में टैक्सी चालकों के आजीविका का मुख्य साधन पर्यटक हैं, लेकिन प्रदेश में लॉकडाउन के चलते पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से घर में बैठे हुए हैं. आगे भी टैक्सी नहीं चलने से बैंक किस्त चुकाने और टैक्स जमा करने तक के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में हालात ऐसे ही रहे तो उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

पढ़ें: कोरोना : 24 घंटे में आए 2573 नए केस, संक्रमितों की संख्या 42,800 के पार

गौरतलब है कि नैनीताल जनपद में करीब 15,000 टैक्सी चालक हैं. जिनपर लॉकडाउन का सीधा असर पड़ा है. ऐसे में टैक्सी चालक उम्मीद जता रहे हैं कि लॉकडाउन खत्म होते ही उनके कारोबार फिर से चल सके.जिससे कि उनके आगे आर्थिक संकट पैदा ना हो.

हल्द्वानी: लॉकडाउन का सीधा असर करोड़ों लोगों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल में हजारों टैक्सी चालकों के सामने लॉकडाउन का असर पड़ा है. ऐसे में टैक्सी कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने सरकार से टैक्सी वाहनों के टैक्स इंश्योरेंस और बैंक किस्त माफ करने के मांग की है. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि उनके पास बुकिंग आ रही है, लेकिन परमिशन और पास नहीं मिलने के चलते लोग नहीं जा पा रहे हैं.

सरकार से लगाई मदद की गुहार.

बता दें कि उत्तराखंड में टैक्सी चालकों के आजीविका का मुख्य साधन पर्यटक हैं, लेकिन प्रदेश में लॉकडाउन के चलते पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से घर में बैठे हुए हैं. आगे भी टैक्सी नहीं चलने से बैंक किस्त चुकाने और टैक्स जमा करने तक के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में हालात ऐसे ही रहे तो उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

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गौरतलब है कि नैनीताल जनपद में करीब 15,000 टैक्सी चालक हैं. जिनपर लॉकडाउन का सीधा असर पड़ा है. ऐसे में टैक्सी चालक उम्मीद जता रहे हैं कि लॉकडाउन खत्म होते ही उनके कारोबार फिर से चल सके.जिससे कि उनके आगे आर्थिक संकट पैदा ना हो.

Last Updated : May 5, 2020, 10:49 AM IST
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