हल्द्वानी: पहाड़ क्षेत्रों में इस बार आलू की पैदावार काफी अच्छी हुई है. ऐसे में काश्तकारों को अच्छा खासा मुनाफा होने का अनुमान है. बरसात की वजह से मैदानी इलाकों में आलू की पैदावार को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में पहाड़ के आलू की डिमांड काफी बढ़ गई है. वहीं, अंतरराज्यीय मंडियों में भी आलू की खूब मांग की जा रही है. जिससे काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं. पिछले साल जहां पहाड़ी आलू 15 से 18 रुपए किलो तक बिक रहा था. वहीं, इस साल 35 से 40 रुपए किलो तक बिक रहा है.
दरअसल, काश्तकारों को हल्द्वानी मंडी में पहाड़ी आलू के पहली बार अच्छे दाम मिल रहे हैं. इस बार कोरोना काल और मैदानी क्षेत्रों में आलू की पैदावार खराब होने के चलते बाहरी राज्यों की मंडियों में आलू की आवक काफी कम है, जिसके चलते पहाड़ी आलू की डिमांड काफी बढ़ गई है. काश्तकारों की मानें तो पहली बार उन्हें पहाड़ी आलू के अच्छे दाम मिल रहे हैं. मंडियों में आलू की बिक्री खूब हो रही है. अगर ये कहा जाए कि इस बार आलू की पैदावार काश्तकारों के लिए वरदान साबित हुई है तो कहना गलत नहीं होगा. वहीं, विभिन्न राज्यों में आलू के साथ ही पहाड़ की गोभी, शिमला मिर्च और बीन्स के अलावा अन्य हरी सब्जियों की भी खूब डिमांड है.
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वहीं, आलू के बड़े कारोबारियों का कहना है कि मैदानी इलाकों में इस बार अत्यधिक बारिश होने की वजह से आलू की पैदावार प्रभावित हुई है. कोल्ड स्टोरेज में भी आलू खत्म होने को है. ऐसे में पहाड़ के आलू की डिमांड पदेश सहित विभिन्न राज्यों की मंडियों से खूब आ रही है.