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आयुर्वेदिक अस्पताल बनने में लगेगा वक्त, कछुआ गति से सरक रहा काम, मार्च में थी डेडलाइन - हल्द्वानी न्यूज

कार्यदायी संस्था को मार्च 2019 तक भवन का निर्माण कार्य पूरा करके संबंधित विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन बीते चार सालों से भवन का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है.

हल्द्वानी आयुर्वेदिक अस्पताल
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Published : Feb 23, 2019, 1:05 PM IST

Updated : Feb 23, 2019, 3:05 PM IST

हल्द्वानी: काफी उम्मीदों के साथ हल्द्वानी आयुर्वेदिक अस्पताल की नींव रखी गई थी और उसे जल्द पूरा करने का दम भरा गया था, लेकिन वो अबतक अधूरा पड़ा है. ये हाल तब है जब सरकार कार्यदायी संस्था को 90 फीसदी से अधिक पेमेंट कर चुकी है. बाजवूद इसके अस्पताल का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा है.

पढ़ें-एक महीने भी नहीं टिकी करोड़ों की सड़क, डामरीकरण के नाम पर सरकारी धन की लूट

आयुर्वेदिक और योग समेत आयुष पद्धति से होने वाले अन्य इलाजों के लिए मरीजों को इधर-उधर न भटकना पड़े इसके लिए साल 2016 में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल की नींव रखी गई थी. 9 करोड़ 89 लाख रुपए की लागत से बनने वाले 50 बेड के इस आयुर्वेदिक अस्पताल के निर्माण का जिम्मा यूपी निर्माण निगम को दिया गया था.

पढ़ें-पुलिस ने किया कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का दावा, SP सिटी ने कहा- नहीं होने देंगे परेशानी

कार्यदायी संस्था को मार्च 2019 तक भवन का निर्माण कार्य पूरा करके संबंधित विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन बीते चार सालों से भवन का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है. इस बारे में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंज्याल ने कहा कि आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर इस अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. अस्पताल में आयुर्वेद विधि से ऑपरेशन भी किया जाएगा. रोजाना 1000 ओपीडी करने का लक्ष्य रखा गया है. इस मंशा के साथ इस अस्पताल का की शुरुवात मार्च माह में होनी थी, लेकिन कार्यदायी संस्था ने अभीतक निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है. इस बार में उन्हें कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है. ऐसे में आयुर्वेद विधि से इलाज के लिए लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.

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हल्द्वानी: काफी उम्मीदों के साथ हल्द्वानी आयुर्वेदिक अस्पताल की नींव रखी गई थी और उसे जल्द पूरा करने का दम भरा गया था, लेकिन वो अबतक अधूरा पड़ा है. ये हाल तब है जब सरकार कार्यदायी संस्था को 90 फीसदी से अधिक पेमेंट कर चुकी है. बाजवूद इसके अस्पताल का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा है.

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आयुर्वेदिक और योग समेत आयुष पद्धति से होने वाले अन्य इलाजों के लिए मरीजों को इधर-उधर न भटकना पड़े इसके लिए साल 2016 में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल की नींव रखी गई थी. 9 करोड़ 89 लाख रुपए की लागत से बनने वाले 50 बेड के इस आयुर्वेदिक अस्पताल के निर्माण का जिम्मा यूपी निर्माण निगम को दिया गया था.

पढ़ें-पुलिस ने किया कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का दावा, SP सिटी ने कहा- नहीं होने देंगे परेशानी

कार्यदायी संस्था को मार्च 2019 तक भवन का निर्माण कार्य पूरा करके संबंधित विभाग को हैंडओवर करना था, लेकिन बीते चार सालों से भवन का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है. इस बारे में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंज्याल ने कहा कि आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर इस अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. अस्पताल में आयुर्वेद विधि से ऑपरेशन भी किया जाएगा. रोजाना 1000 ओपीडी करने का लक्ष्य रखा गया है. इस मंशा के साथ इस अस्पताल का की शुरुवात मार्च माह में होनी थी, लेकिन कार्यदायी संस्था ने अभीतक निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है. इस बार में उन्हें कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है. ऐसे में आयुर्वेद विधि से इलाज के लिए लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.

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Intro:स्लग- अधर में लटका राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल है।
रिपोर्टर-भावनाथ पंडित
एंकर-हल्द्वानी में बन रहे राज्य के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण आधार में लड़का है मार्च तक अस्पताल को जनता को समर्पित होना था। लेकिन अभी तक 60 फीसदी से भी कम निर्माण हुआ है। जबकि सरकार द्वारा कार्यदाई संस्था को 90 फीसदी से अधिक पेमेंट किया जा चुका है। ऐसे में लोगों को इस आयुर्वेद अस्पताल में इलाज कराने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा ।


Body:दरअसल कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में कमिश्नर भवन के बगल में राज्य का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहा है। 9 करोड़ 89 लाख की लागत से 4 साल पहले इस 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था। अस्पताल का निर्माण कार्य कर रहे कार्यदाई संस्था यूपी निर्माण निगम को मार्च 2019 में इस भवन को विभाग के हैंड ओवर करना था लेकिन निर्माण संस्था कछुए की गति से भी धीमी चाल से अस्पताल का निर्माण करा रही है। लेकिन सवा आठ करोड़ पेमेंट होते देने के बाद भी निर्माण दाई संस्था ने करीब 60 प्रतिशत काम पूरा नहीं किया है।


Conclusion:जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी एमएस गुंजियाल का कहना है कि 1000 रोजाना ओपीडी करने के लक्ष्य के साथ- साथ आयुर्वेद ,यूनानी ,सिद्धा ,सिद्धा और नेचुरल के करीब 15 डॉक्टर इस अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे ।अस्पताल में आयुर्वेद विधि से ऑपरेशन भी किया जाएगा। इस मंशा से इस अस्पताल का की शुरुवात मार्च माह में होना था लेकिन निर्माण संस्था को बार-बार निर्देश देने के बाद भी अभी तक कार्य पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में आयुर्वेद विधि से इलाज के लिए लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।

बाइट- एम एस गुंजियाल जिला आयुर्वेद और यूनानी अधिकारी।
Last Updated : Feb 23, 2019, 3:05 PM IST
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