हल्द्वानी: जंग का मैदान हो या चुनावी रणक्षेत्र, जीत आसान नहीं होती. विधानसभा चुनाव का डंका बजते ही जहां उम्मीदवारों की दिनचर्या में बदलाव आ गया है, वहीं प्रत्याशी बेहतर प्रचार कर अपने सिर जीत का सेहरा बांधना चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में हरीश रावत को अपनी सीट बचाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी है. जिस कारण हरीश रावत की व्यस्तता बढ़ गई है. चुनावी भागदौड़ के बीच हरीश रावत की दिनचर्या कैसे गुजर रही है, आइए एक नजर डालते हैं.
मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने को सुबह से देर शाम तक चुनाव प्रचार में लगे नेताओं की दिनचर्या भी बदल गयी है. भीषण ठंड के बीच राज्य में चुनावी दौरे में लगभग सभी नेता सुबह से देर रात तक व्यस्त हैं. ऐसे में राजनीतिक गतिशीलता बनाये रखने को नेता लगातार डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत विधानसभा चुनाव के मद्देनजर व्यस्त हो चुके हैं. ईटीवी भारत की टीम ने हरीश रावत की व्यस्तता के बारे में उनसे बात की.
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हरीश रावत की सुबह की शुरुआत: हरीश रावत लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के तीन पानी स्थित अपने मकान में रहते हैं. जहां से उनकी सभी चुनावी गतिविधियां संचालित हो रही हैं. हरीश रावत सुबह बिस्तर से उठने के बाद थोड़ी देर ध्यान और योग करते हैं. इसके बाद स्नान करके पूजा-पाठ कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं. हरदा सुबह मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. साथ ही पुरोहित पाठ संपन्न कराता है.
सूप पीकर फिर लेते हैं हल्का भोजन: हरीश रावत की व्यस्तता इतनी रहती है कि उनके समर्थक सुबह से ही उनसे मिलने के लिए पहुंचने लगते हैं, जहां वो अन्य कामों के साथ-साथ समर्थकों और पार्टी के पदाधिकारियों से भी मुलाकात करते हैं. सुबह के नाश्ते की शुरुआत सूप पीकर करते हैं. थोड़ी देर बाद वह हल्का भोजन लेने के बाद अपने चुनाव प्रचार में निकल जाते हैं. व्यस्तता इतनी है कि हरीश रावत अपना सुबह का नाश्ता खड़े-खड़े करते हैं, जहां वह अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से संवाद करते दिखते हैं.
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पूरे प्रदेश की प्रचार की जिम्मेदारी: हरीश रावत ने बताया कि उनको प्रदेश की सभी 70 सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, जहां उनको प्रचार भी करना है और वर्चुअल प्रचार भी तैयार करते हैं. जबकि अपनी लालकुआं विधानसभा सीट पर अधिक व्यस्तता है. रोजाना करीब 10 से 15 छोटी जनसभाओं के साथ लोगों के बीच जाकर जनसंपर्क अभियान भी चला रहे हैं.
जनता के प्यार और आशीर्वाद से नहीं होती थकान महसूस: जनसंपर्क के बाद हरीश रावत 11बजे रात अपने आवास पर पहुंचते हैं और दिन भर की चुनावी चर्चा पर विचार-विमर्श के साथ-साथ पूरे प्रदेश की सीटों की चर्चा व मंथन करते हैं. ये सिलसिला रात के करीब 2 बजे तक चलता है और हरीश रावत मुश्किल से 4 घंटे सोते हैं. सुबह 6 बजे उठकर फिर अगले चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट जाते हैं.
हरीश रावत ने कहा कि पूरे दिन चुनाव प्रचार के बाद जनता से मिले प्यार और आशीर्वाद से उनको किसी तरह की थकान महसूस नहीं होती है और वो लगातार लोगों से डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं. यहां तक कि भारी बरसात के बीच भी हरीश रावत अपने चुनाव अभियान को जारी रखे हुए हैं.