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बारिश और बर्फबारी किसानों के लिए बनी मुसीबत, बागवानों को राहत

लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण एक ओर किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रही है. वहीं, बागवानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. इस बारिश और बर्फबारी के कारण टमाटर, मटर की फसल को खासा नुकसान पहुंच रहा है.

snowfall in haldwani
बारिश बनी मुसीबत.
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Published : Dec 14, 2019, 5:02 PM IST

हल्द्वानी: पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश और लगातार बर्फबारी से जहां पहाड़ के किसानों के चेहरों पर मुस्कान छाई हुई है. वहीं, तराई क्षेत्रों में टमाटर, मटर और लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए ये मौसम काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है. वहीं, ये बारिश और बर्फबारी रवि की फसल के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की रोपाई नहीं की है, बारिश के कारण अब उनकी रोपाई में देरी हो जाएगी.

बारिश बनी मुसीबत.

शुक्रवार की सुबह से हो रही बारिश और बर्फबारी से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं, बर्फबारी पहाड़ के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. बर्फबारी बागवानी के सेब, पुलम,आड़ू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं, हल्द्वानी के गौलापार में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन करने वाले क्षेत्र में इस बारिश से खासा नुकसान पहुंच रहा है. बारिश के कारण टमाटर के खेतों में पानी भर गया है, जिसके चलते टमाटर के पौधों की जड़ सड़ सकती है. यही नहीं, पहले से बीमारी की मार झेल रहे टमाटर पर अब बारिश की दोहरी मार पड़ रही है, जबकि बारिश के चलते मटर और लहसुन की फसल भी बर्बाद हो चुकी है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में फिर डोली धरती, चमोली और रुद्रप्रयाग में महसूस किए गए भूकंप के झटके

प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा के अनुसार, बारिश से जहां पहाड़ के किसानों को फायदा पहुंच रहा है. वहीं, इन फसलों को नुकसान भी हुआ है. ये बारिश जहां रवि की फसल के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं, टमाटर, लहसुन और मटर की फसल के लिए नुकसान भी साबित हो रहा है. किसान नरेंद्र मेहरा के मुताबिक अगर बरसात 2 दिन और रहती है तो किसानों की फसल चौपट हो जाएगी.

हल्द्वानी: पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश और लगातार बर्फबारी से जहां पहाड़ के किसानों के चेहरों पर मुस्कान छाई हुई है. वहीं, तराई क्षेत्रों में टमाटर, मटर और लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए ये मौसम काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है. वहीं, ये बारिश और बर्फबारी रवि की फसल के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की रोपाई नहीं की है, बारिश के कारण अब उनकी रोपाई में देरी हो जाएगी.

बारिश बनी मुसीबत.

शुक्रवार की सुबह से हो रही बारिश और बर्फबारी से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं, बर्फबारी पहाड़ के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. बर्फबारी बागवानी के सेब, पुलम,आड़ू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं, हल्द्वानी के गौलापार में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन करने वाले क्षेत्र में इस बारिश से खासा नुकसान पहुंच रहा है. बारिश के कारण टमाटर के खेतों में पानी भर गया है, जिसके चलते टमाटर के पौधों की जड़ सड़ सकती है. यही नहीं, पहले से बीमारी की मार झेल रहे टमाटर पर अब बारिश की दोहरी मार पड़ रही है, जबकि बारिश के चलते मटर और लहसुन की फसल भी बर्बाद हो चुकी है.

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प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा के अनुसार, बारिश से जहां पहाड़ के किसानों को फायदा पहुंच रहा है. वहीं, इन फसलों को नुकसान भी हुआ है. ये बारिश जहां रवि की फसल के लिए वरदान साबित हो रही है. वहीं, टमाटर, लहसुन और मटर की फसल के लिए नुकसान भी साबित हो रहा है. किसान नरेंद्र मेहरा के मुताबिक अगर बरसात 2 दिन और रहती है तो किसानों की फसल चौपट हो जाएगी.

Intro:sammry- बरसात के चलते टमाटर की फसल हुए बर्बाद बर्फबारी पहाड़ के बागवानी के लिए हुआ वरदान साबित।

एंकर- पिछले 24 घंटे से हुई बरसात और बर्फबारी से जहां पहाड़ के किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाया है तो वहीं तराई के क्षेत्रों में टमाटर, मटर और लहसुन के उत्पादन करने वाले किसानों के लिए नुकसान साबित हुआ है ।जबकि रवि की फसल के लिए फायदेमंद भी साबित हो रहा है। यही नहीं जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की रोपाई नहीं की है बरसात के चलते अब उनकी रोपाई लेट हो जाएगी।


Body:शुक्रवार देर सुबह से हो रही बरसात और बर्फबारी से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है ।तो वहीं बर्फबारी पहाड़ के किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। बर्फबारी बागवानी के सेव, पुलम,आड़ू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। तो वहीं हल्द्वानी के गौलापार में सबसे ज्यादा टमाटर को उत्पादन करने वाले क्षेत्र में इस बरसात से टमाटर को खासा नुकसान पहुंचा है। बरसात के चलते टमाटर के खेतों में पानी भर गया है जिसके चलते टमाटर के पौधे के जड़ अब सड़ सकते हैं। यही नहीं पहले से बीमारी का मार झेल रहे टमाटर पर अब बरसात की दोहरी मार पड़ी है। जबकि बरसात के चलते मटर और लहसुन के फसल भी बर्बाद हो गए हैं।
प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा के मुताबिक बरसात से जहां पहाड़ के किसानों को फायदा भी पहुंचा है तो वही नुकसान भी हुआ है। यह बरसात जहां रवि की फसल के लिए वरदान साबित हुआ है तो वहीं टमाटर लहसुन और मटर की फसल के लिए नुकसान भी साबित हुआ है।


Conclusion:किसान नरेंद्र मेहरा के मुताबिक अगर बरसात 2 दिन और रहती है तो किसानों की फसल चौपट हो जाएंगे।

बाइट -नरेंद्र मेहरा प्रगतिशील किसान
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