हल्द्वानीः उत्तराखंड के सबसे बड़े बाघ की खाल तस्करी के मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. इस बार वन विभाग की टीम ने दो वन गुर्जरों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल, दोनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है. बाघ की खाल तस्करी मामसे में अभी तक 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि बीती 22 जुलाई को वन विभाग और एसटीएफ ने बाघ की खाल और हड्डियों के साथ 4 वन्यजीव तस्करों को खटीमा से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उनसे पूछताछ की गई. जिन्होंने कई नाम उगले. इसी कड़ी में वन विभाग टीम ने दो वन गुर्जरों को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों का नाम मांगे उर्फ इमाम और शमशाद अली उर्फ बाबू है. जो यूपी के बिजनौर के रहने वाले हैं. वर्तमान समय में हरिद्वार में वन गुर्जर हैं. इसके अलावा अर्जुन सिंह उर्फ कौआ नाम के वन्यजीव तस्कर को 2 दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
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जहां अर्जुन सिंह के खुलासे के बाद वन विभाग की टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़ा है. पूछताछ में पता चला कि शमशाद अली उर्फ बाबू ने घटना को अंजाम दिया था. बाघ का शिकार कहां से किया था? इसको लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
गौर हो कि बीती 22 जुलाई को एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने करीब साढ़े 8 किलो के बाघ की खाल और 10 किलो 400 ग्राम हड्डी के साथ पिथौरागढ़ के धारचूला निवासी 4 वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ के दौरान कई अन्य नाम सामने आए थे. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए दो वन गुर्जरों को दबोचा है.
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अब तक के सबसे बड़े खाल की तस्करीः बताया जा रहा है कि यह उत्तराखंड में अब तक के सबसे बड़े बाघ के खाल की तस्करी थी. बाघ की खाल की लंबाई 11 फीट बताई जा रही है. तस्करों से पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि तस्करों ने बाघ को कहां से मारा था?
बाघ और तेंदुए की खाल तस्करी के मामले बढ़ेः बता दें कि खटीमा रेंज में पिछले 8 साल में भारी मात्रा में बाघ और तेंदुए की खाल के साथ ही हड्डियां पकड़े जाने के 9 मामले सामने आ चुके हैं. एक बार फिर से बाघ की खाल और हड्डियों की बरामदगी से वन विभाग के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.