रामनगर: अप्रैल से बड़ा श्मशान घाट में शवों को लाए जाने का आंकड़ा दोगुना हो गया है. अप्रैल से जून तक श्मशान घाट पर लाए जाने वाले शवों के आंकड़े में दोगुनी वृद्धि हुई है. अप्रैल से जून तक 234 शवों का अंतिम संस्कार हो चुका है. जबकि सामान्य तौर पर 45 से 50 शव अंत्येष्टि के लिए लाए जाते थे, लेकिन कोरोना काल में इसमें बढ़ोत्तरी देखी गई.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अप्रैल के पहले सप्ताह से ही प्रदेश के कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया था. बावजूद इसके कोरोना के मामले लगातार बढ़ते रहे. साथ ही मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी.
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कोरोना की दूसरी लहर में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई वैसे-वैसे मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ. बता दें कि नैनीताल जिले के रामनगर में श्मशान घाट में शवों को लाए जाने के मामले भी दोगुना हो गये. बता दें कि रामनगर में भी कोरोना से कई संक्रमितों की जान चली गई. इनमें सबसे ज्यादा 50 साल से कम आयु वाले व्यक्ति शामिल थे.
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वहीं, इस विषय में रामनगर श्मशान घाट के सेवकदार बाबूलाल कहते हैं कि हमारे वहां सामान्य तौर पर औसतन 45 से 50 शव अंत्येष्टि के लिए लाए जाते थे. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आई तो शवों को श्मशान घाट में लाने का आंकड़ा दो गुना पहुंच गया. बाबूलाल ने बताया कि अप्रैल माह में कुल 81 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. इनमें 4 कोविड संक्रमित शव थे. जबकि मई महीने में 127 शवों का अंतिम संस्कार किया गया इसमें 28 कोविड के शव थे. जून में अब तक 26 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है, इनमें 1 शव कोविड का था.
अंतिम संस्कार
- अप्रैल में कुल 81 शवों की अंत्येष्टि जिसमें कोविड वाले 4 शव
- मई में कुल 127 शवों की अंत्येष्टि जिसमें कोविड वाले 28 शव
- जून में अब तक 26 शवों की अंत्येष्टि जिसमें कोविड वाला एक शव
वहीं, रामनगर श्मशान घाट में कुल शवों की बात करें तो 1 अप्रैल से 15 जून तक 234 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. इनमें 33 शव कोविड संक्रमितों के थे.