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पांच सौ रुपए रिश्वत लेना 2 कर्मचारियों को पड़ा भारी, कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा - Kumaon Vigilance Office

मंडी में प्रवेश शुल्क के नाम पर 500 रुपए रिश्वत मांगना दो कर्मचारियों को भारी पड़ गया. कोर्ट ने दोषी पाए जाने पर दोनों कर्मचारियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगया है.

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Published : May 16, 2023, 7:23 AM IST

हल्द्वानी: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी की नीलम पात्रा की कोर्ट ने दो कर्मचारियों को ₹500 रुपए रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना जमा ना करने पर दोषियों को छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

कुमाऊं विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी से मिली जानकारी के मुताबिक मामला 2016 का है. उत्तर प्रदेश तिलहर शाहजहांपुर निवासी राजकुमार गुप्ता ने 26 जनवरी 2016 को विजिलेंस में शिकायत दर्ज की थी. उन्होंने सहायक कृषि उत्पादन मंडी समिति रुद्रपुर में अरुण कुमार श्रीवास्तव निवासी बलिया यूपी और भुवन चंद्र गंगवार निवासी पुलभट्टा किच्छा पर मंडी में प्रवेश पर्ची के नाम पर 500 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. जिसके बाद विजिलेंस ने शिकायत पर संज्ञान लिया. जिसके बाद विजिलेंस के एसआई दानी राम आर्या के नेतृत्व में टीम ने 28 जनवरी 2016 को दोनों आरोपियों को ₹500 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
पढ़ें-नैनीताल हाईकोर्ट ने सूखाताल झील के सौंदर्यीकरण कार्यों पर रोक लगाई, इन्हें जारी किया नोटिस

दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था. बीते दिन विशेष न्यायाधीश नीलम पात्रा की अदालत ने दोनों को आरोपियों को तीन-तीन साल की कैद और 50-50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. एसपी विजिलेंस प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा कि रिश्वत मांगने वालों की शिकायत पर विजिलेंस की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. जिसका नतीजा है कि दो आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. उन्होंने आम जनता से रिश्वत मांगने वाले की शिकायत विजिलेंस कार्यालय में करने की अपील की.

हल्द्वानी: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी की नीलम पात्रा की कोर्ट ने दो कर्मचारियों को ₹500 रुपए रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना जमा ना करने पर दोषियों को छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

कुमाऊं विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी से मिली जानकारी के मुताबिक मामला 2016 का है. उत्तर प्रदेश तिलहर शाहजहांपुर निवासी राजकुमार गुप्ता ने 26 जनवरी 2016 को विजिलेंस में शिकायत दर्ज की थी. उन्होंने सहायक कृषि उत्पादन मंडी समिति रुद्रपुर में अरुण कुमार श्रीवास्तव निवासी बलिया यूपी और भुवन चंद्र गंगवार निवासी पुलभट्टा किच्छा पर मंडी में प्रवेश पर्ची के नाम पर 500 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. जिसके बाद विजिलेंस ने शिकायत पर संज्ञान लिया. जिसके बाद विजिलेंस के एसआई दानी राम आर्या के नेतृत्व में टीम ने 28 जनवरी 2016 को दोनों आरोपियों को ₹500 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
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दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था. बीते दिन विशेष न्यायाधीश नीलम पात्रा की अदालत ने दोनों को आरोपियों को तीन-तीन साल की कैद और 50-50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. एसपी विजिलेंस प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा कि रिश्वत मांगने वालों की शिकायत पर विजिलेंस की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. जिसका नतीजा है कि दो आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. उन्होंने आम जनता से रिश्वत मांगने वाले की शिकायत विजिलेंस कार्यालय में करने की अपील की.

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