नैनीताल: बीडीसी सदस्य को गोली मारकर हत्या करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषियों पर कोर्ट ने 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल की अदालत ने रामनगर कोर्ट परिसर में बीडीसी सदस्य छोई वीरेंद्र मनराल उर्फ वीरू की सरेआम गोली मारकर हत्या करने के मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर दोषियों को तीन साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. इसके अलावा मुख्य अभियुक्त देवेंद्र सिंह को धारा-25 आयुध अधिनियम के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतक की माता को नियमानुसार आर्थिक मदद देने के आदेश दिए हैं.
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क्या है पूरा मामला: 1 सितम्बर 2018 को रामनगर कोर्ट परिसर के गेट के समीप इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था. आरोपियों ने कोर्ट के बाहर बीडीसी सदस्य को गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसमें चार आरोपी देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ निवासी बाजपुर, दर्शन सिंह व गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी सहित संजय कांडपाल ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा ने ठोस पैरवी करते हुए 19 गवाहों सहित कॉल डिटेल व डीएनए रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किए.
वीरेंद्र मनराल उर्फ बीरू की हत्या के पीछे पैसे का लेनदेन बताया गया है. घटना के तथ्यों के अनुसार साल 2016 में खनन व्यवसायी हेमंत फर्त्याल की हत्या हुई थी, जिसमें वीरेंद्र मनराल द्वारा हेमंत की हत्या करने की सुपारी देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ को देने का आरोप था. लेकिन वीरेंद्र मनराल के बाद में सुपारी की तय रकम देने से आनाकानी करने पर देवेंद्र सिंह उर्फ बाऊ ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी भी हत्या कर दी. तब बाऊ ने दावा किया था कि वह वीरेंद्र को नहीं मारता तो वीरेंद्र उसे मार देता.