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कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान का मामला, HC ने फैसला रखा सुरक्षित

illegal construction in Corbett National Park कॉर्बेट नेशनल पार्क में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान के खिलाफ दायर यचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2023, 5:35 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 8:14 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान के खिलाफ देहरादून निवासी अनु पंत द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने अवैध निर्माण और पेड़ कटान में लिप्त लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई: सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान के बारे में मुख्त सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. साथ ही कहा था कि अभी तक छह हजार पेड़ काटे जा चुके हैं और अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मुख्य सचिव ने भी अपने शपथ पत्र में कहा था कि वे समय-समय पर न्यायालय को की जा रही कार्रवाई के बारे में अवगत कराते रहेंगे, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया है.
ये भी पढ़ें: सितारगंज पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे की गिरफ्तारी पर रोक, HC ने याचिका भी की निस्तारित

फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काटे गए: उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक भी वृक्ष नहीं काटा जा सकता, लेकिन वर्तमान में फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला धब्बा है. विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी के अनुसार कई अफसरों को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इन शीर्ष अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज में विजिलेंस ने मारा था छापा: बता दें कि 30 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज और एक पेट्रोल पंप पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इस छापेमारी में दो सरकारी जनरेटर बरामद किए गए थे. मामला कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान से जुड़ा है.
ये भी पढ़ें: दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता मामले में सुनवाई, HC ने मांगी डिटेल रिपोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान के खिलाफ देहरादून निवासी अनु पंत द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने अवैध निर्माण और पेड़ कटान में लिप्त लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई: सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान के बारे में मुख्त सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. साथ ही कहा था कि अभी तक छह हजार पेड़ काटे जा चुके हैं और अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मुख्य सचिव ने भी अपने शपथ पत्र में कहा था कि वे समय-समय पर न्यायालय को की जा रही कार्रवाई के बारे में अवगत कराते रहेंगे, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया है.
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फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काटे गए: उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक भी वृक्ष नहीं काटा जा सकता, लेकिन वर्तमान में फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला धब्बा है. विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी के अनुसार कई अफसरों को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इन शीर्ष अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज में विजिलेंस ने मारा था छापा: बता दें कि 30 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज और एक पेट्रोल पंप पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इस छापेमारी में दो सरकारी जनरेटर बरामद किए गए थे. मामला कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान से जुड़ा है.
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Last Updated : Sep 1, 2023, 8:14 PM IST
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