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स्टिंग ऑपरेशन मामला: हरीश रावत ने कोर्ट ने मांगा समय, एक मई को होगी अगली सुनवाई

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Published : Mar 6, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Mar 6, 2020, 5:40 PM IST

हाईकोर्ट में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी स्टिंग आपरेशन की सीबीआई जांच के मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी.

स्टिंग ऑपरेशन मामला
स्टिंग ऑपरेशन मामला

नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से स्टिंग ऑपरेशन मामले पर शुक्रवार नैनीताल हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है. कोर्ट में हरीश रावत की तरफ से समय मांगा गया था. कोर्ट ने एक मई को अगली तारीख दी है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी स्टिंग आपरेशन की सीबीआई जांच के मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई होनी थी. लेकिन हरीश रावत ने इस मामले में कोर्ट से थोड़ा समय ओर मांगा था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अगली तरीख दे दी है.

पढ़ें- गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने पर हरदा ने उठाए सवाल, कहा- कहां है स्थायी राजधानी

जानकारी के अनुसार मार्च 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और 31 मार्च 2016 को राज्यपाल की संस्तुति पर हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई थी.

सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी. दूसरी ओर, हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के उस 15 मई के आदेश को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कैबिनेट ने सीबीआई से जांच हटाकर एसआईटी को जांच के आदेश दे दिए थे.

नैनीताल: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से स्टिंग ऑपरेशन मामले पर शुक्रवार नैनीताल हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है. कोर्ट में हरीश रावत की तरफ से समय मांगा गया था. कोर्ट ने एक मई को अगली तारीख दी है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद फरोख्त संबंधी स्टिंग आपरेशन की सीबीआई जांच के मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई होनी थी. लेकिन हरीश रावत ने इस मामले में कोर्ट से थोड़ा समय ओर मांगा था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अगली तरीख दे दी है.

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जानकारी के अनुसार मार्च 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और 31 मार्च 2016 को राज्यपाल की संस्तुति पर हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई थी.

सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी. दूसरी ओर, हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के उस 15 मई के आदेश को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कैबिनेट ने सीबीआई से जांच हटाकर एसआईटी को जांच के आदेश दे दिए थे.

Last Updated : Mar 6, 2020, 5:40 PM IST
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