रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को सफारी कराने वाले जिप्सी चालक आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में इन चालकों ने पार्क प्रशासन से कॉर्बेट के कुछ जोनों को खोलने की मांग की है. ताकि पर्यटकों की आवाजाही से उनका जीवन पटरी पर लौट सके. गौरतलब है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लगे कर्फ्यू के कारण कॉर्बेट पार्क में पर्यटक गतिविधियां 1 मई से ही बंद कर दी गई थी.
कॉर्बेट पार्क में जिप्सी चलाकर जीवन यापन करने वाले सैकड़ों चालकों ने कॉर्बेट प्रशासन से कुछ जोनों के गेटों को खोलने की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन और पार्क बंद होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. हमारी रोजी-रोटी सिर्फ पर्यटकों के सफारी पर ही निर्भर करती है.
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व्यवसायी शीलपेन्द्र बंसल ने कहा कि कोरोना काल में सभी जिप्सी चालकों का कारोबार बंद है और कोरोना कर्फ्यू के बाद उत्तराखंड अनलॉक होता जा रहा है. ऐसे में हमारी मांग है कि कॉर्बेट के बंद गेट को खोला जाए. ताकि जिप्सी स्वामी और चालक पर्यटकों को घुमा सकें. इसको लेकर हमने सीटीआर निदेशक राहुल कुमार के समक्ष अपनी मांग रखी है. उन्होंने इस संबंध में आश्वासन दिया है कि इसको जल्द खुलवाने की कार्रवाई करेंगे.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क के जो जिप्सी चालक हैं, उन्होंने कुछ जोन खोलने की मांग की है. कोरोना की गाइडलाइन के मुताबिक उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा.