रामनगरः हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के खतरे से लोग धीरे-धीरे निपट ही रहे थे कि बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी की वजह से हिमाचल के कांगड़ा के पौंग झील में 1700 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई है. इन पक्षियों में H5N1 वायरस मिला है जो कि बर्ड फ्लू होने की पुष्टि करता है. राजस्थान और हिमाचल में कई पक्षियों के अचानक बर्ड फ्लू से मरने का मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने कुमाऊं मंडल में अलर्ट जारी कर दिया है.
हिमाचल में पक्षियों की मौत
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 300 किलोमीटर दूर कांगड़ा के पौंग जलाशय में इन प्रवासी पक्षियों की सेंक्चुरी बनाई गई है. यहां हर साल साइबेरिया और मध्य एशिया के ठंडे इलाकों से सर्दियों में लाखों की संख्या में परिंदे आते हैं और फरवरी-मार्च तक रहते हैं. इसके बाद ये पक्षी फिर से वापस लौट जाते हैं. इस साल अबतक मात्र कुछ ही दिनों में 1700 पक्षियों की मौत हो चुकी है.
इससे पहले राजस्थान में भी इस फ्लू से ढाई सौ कौओं की मौत हो चुकी है. जिसके बाद बर्ड फ्लू को लेकर भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है. इसके बाद हिमालयी राज्यों के साथ ही कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी अलर्ट जारी कर दिया है.
बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. कॉर्बेट पार्क के लैंडस्केप के रामगंगा, तुमड़िया, रामनगर की कोसी जलाशयों के आस-पास साइबेरियन पक्षी मीलों की यात्रा कर यहां के जलाशयों में पहुंचते हैं.
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मामले में कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें हिमाचल और कुछ अन्य राज्यों में प्रवासी पक्षियों के साथ ही अन्य पक्षियों के मरने की सूचना प्राप्त हुई है. पक्षियों की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है. हालांकि प्रथम दृष्टया मामला बर्ड फ्लू बीमारी का प्रतीत हो रहा है.
उन्होंने बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में प्रवासी पक्षी आते रहते हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगभग 650 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां हैं. हम सभी सेंसिटिव प्वाइंट्स की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. एडवाइजरी के अनुरुप प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है. पक्षियों की सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं.