हल्द्वानीः जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा जिले के लाखों राशन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. बीते दिनों जिला पूर्ति विभाग ने दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए और पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त किया था. जिसे लेकर राशन डीलर ने सामूहिक रूप से खाद्य आपूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, उन्होंने दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार और प्रशासन को पत्र भेजा है.
दरअसल, बीते दो हफ्ते पहले खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग ने नैनीताल जिले के कई सरकारी सस्ते गल्ले राशन की दुकानों में छापेमारी की थी. जिसमें दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किये थे, जबकि पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त कर दी थी. इस कार्रवाई के बाद से जिले के सभी सरकारी राशन विक्रेता और डीलर एकजुट हो गये और खाद्य आयोग के साथ ही जिला पूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जिले के 244 सरकारी राशन की दुकान स्वामियों ने अपने सरकारी राशन की दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है.
ये भी पढ़ेंः मायके से गंगोत्री के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, आज भैरो घाटी में होगा रात्री विश्राम
वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी तेजमल सिंह का कहना है कि छापेमारी कार्रवाई के बाद सरकारी राशन दुकान स्वामियों ने लाइसेंस को सरेंडर करने का मामला सामने आया है, लेकिन डीलर स्वामियों का पत्र उनके पास नहीं पहुंचा है. उन्होंने उत्पीड़न के आरोप को नकारते हुए कहा कि सरकारी राशन की दुकान स्वामी नियमित समय पर अपनी दुकान नहीं खोल रहे थे, लिहाजा छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. उधर, जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो अगले महीने से सरकारी राशन लोगों को नहीं मिल सकेगा.