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राशन डीलरों पर जिला पूर्ति विभाग ने कसा शिकंजा तो डीलर देने लगे इस तरह की धमकी

राशन डीलर ने सामूहिक रूप से खाद्य आपूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, उन्होंने दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के साथ अपना इस्तीफा सरकार और प्रशासन को भेज दिया है.

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Published : May 6, 2019, 7:13 PM IST

जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे विवा

हल्द्वानीः जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा जिले के लाखों राशन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. बीते दिनों जिला पूर्ति विभाग ने दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए और पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त किया था. जिसे लेकर राशन डीलर ने सामूहिक रूप से खाद्य आपूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, उन्होंने दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार और प्रशासन को पत्र भेजा है.

जानकारी देते जिला पूर्ति अधिकारी तेजमल सिंह.

दरअसल, बीते दो हफ्ते पहले खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग ने नैनीताल जिले के कई सरकारी सस्ते गल्ले राशन की दुकानों में छापेमारी की थी. जिसमें दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किये थे, जबकि पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त कर दी थी. इस कार्रवाई के बाद से जिले के सभी सरकारी राशन विक्रेता और डीलर एकजुट हो गये और खाद्य आयोग के साथ ही जिला पूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जिले के 244 सरकारी राशन की दुकान स्वामियों ने अपने सरकारी राशन की दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है.

ये भी पढ़ेंः मायके से गंगोत्री के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, आज भैरो घाटी में होगा रात्री विश्राम

वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी तेजमल सिंह का कहना है कि छापेमारी कार्रवाई के बाद सरकारी राशन दुकान स्वामियों ने लाइसेंस को सरेंडर करने का मामला सामने आया है, लेकिन डीलर स्वामियों का पत्र उनके पास नहीं पहुंचा है. उन्होंने उत्पीड़न के आरोप को नकारते हुए कहा कि सरकारी राशन की दुकान स्वामी नियमित समय पर अपनी दुकान नहीं खोल रहे थे, लिहाजा छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. उधर, जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो अगले महीने से सरकारी राशन लोगों को नहीं मिल सकेगा.

हल्द्वानीः जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा जिले के लाखों राशन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. बीते दिनों जिला पूर्ति विभाग ने दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए और पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त किया था. जिसे लेकर राशन डीलर ने सामूहिक रूप से खाद्य आपूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं, उन्होंने दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार और प्रशासन को पत्र भेजा है.

जानकारी देते जिला पूर्ति अधिकारी तेजमल सिंह.

दरअसल, बीते दो हफ्ते पहले खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग ने नैनीताल जिले के कई सरकारी सस्ते गल्ले राशन की दुकानों में छापेमारी की थी. जिसमें दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किये थे, जबकि पांच सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जब्त कर दी थी. इस कार्रवाई के बाद से जिले के सभी सरकारी राशन विक्रेता और डीलर एकजुट हो गये और खाद्य आयोग के साथ ही जिला पूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जिले के 244 सरकारी राशन की दुकान स्वामियों ने अपने सरकारी राशन की दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है.

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वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी तेजमल सिंह का कहना है कि छापेमारी कार्रवाई के बाद सरकारी राशन दुकान स्वामियों ने लाइसेंस को सरेंडर करने का मामला सामने आया है, लेकिन डीलर स्वामियों का पत्र उनके पास नहीं पहुंचा है. उन्होंने उत्पीड़न के आरोप को नकारते हुए कहा कि सरकारी राशन की दुकान स्वामी नियमित समय पर अपनी दुकान नहीं खोल रहे थे, लिहाजा छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. उधर, जिला पूर्ति विभाग और राशन डीलरों के बीच चल रहे गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो अगले महीने से सरकारी राशन लोगों को नहीं मिल सकेगा.

Intro:स्लग- राशन संकट। ( विजुअल बाइट मिल से उठाएं)
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित /हल्द्वानी
एंकर- जिला पूर्ति विभाग और जिले के राशन डीलरों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा नैनीताल जिले के लाखों राशन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। 2 सप्ताह पूर्व खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग द्वारा कई सरकारी सस्ते गल्ले राशन की दुकानों में छापामारी की गई जिसमें दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए गए और 5 सरकारी दुकान की प्रतिपूर्ति जप्त कर दी गई। जिसे आक्रोशित जिले के राशन डीलरों ने सामूहिक रूप से खाद्य आपूर्ति विभाग पर उस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपने लाइसेंस को निरस्त करने और अपने स्थिति की मांग की है।


Body:दरअसल बीते दिनों खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग द्वारा नैनीताल जिले के कई सरकारी राशन की दुकानों पर छापामारी करते हुए दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए जबकि पांच दुकानों की प्रतिपूर्ति जप्त कर की थी जिसके बाद जिले के सभी सरकारी राशन विक्रेता डीलर एकजुट होकर खाद्य आयोग और जिला पूर्ति विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जिले के 244 सरकारी राशन की दुकान स्वामीयो ने अपने सरकारी राशन की दुकान के लाइसेंस को सरेंडर करने के साथ है अपना इस्तीफा सरकार और प्रशासन को भेजा है।


Conclusion:इस पूरे मामले में जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह का कहना है कि हाल फिलहाल में की गई छापामारी के बाद सरकारी राशन की दुकान स्वामी ने यह फैसला लिया है ऐसी जानकारी उनको मिली है ।लेकिन डीलर स्वामियों का पत्र उनके पास नहीं नहीं पहुंचा है । लेकिन उत्पीड़न के आरोप को नकारते हुए खाद्य पूर्ति अधिकारी तेज बल सिंह का कहना है कि सरकारी राशन की दुकान स्वामी नियमित समय पर अपनी दुकान नहीं खोल रहे थे लिहाजा छापेमारी कर कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि अगर जल्द गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो अगले माह से सरकारी राशन लोगो को नहीं मिल सकेगा।

बाइट- तेजमल सिंह जिला पूर्ति अधिकारी
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