हल्द्वानी: गौलापार में बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर निर्माण की एक बार फिर से उम्मीद जगी है. पिछले 8 सालों से अधर में लटके हल्द्वानी जू का तकनीकी दिक्कत और बजट के चलते निर्माण नहीं हो पाया है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा हल्द्वानी पहुंचे तो उम्मीद जगी है. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय जू के निर्माण का रास्ता लगभग साफ हो चुका है. कागजी कार्रवाई और बजट मिलते ही जू का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
वर्ष 2015 में हल्द्वानी के गौलापार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश ने अंतरराष्ट्रीय जू का शिलान्यास किया. करीब ₹80 करोड़ के बजट से जू का निर्माण होना था. जू के चारदीवारी निर्माण में करीब 20 करोड़ का बजट भी खर्च हो चुका है, लेकिन 8 साल बाद भी जू का निर्माण अधर में लटका हुआ.
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने बताया कि जू निर्माण में भूमि हस्तांतरण की तकनीकी दिक्कत आ रही थी, जिसके चलते निर्माण में देरी हुई है. ऐसे में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के नए एक्ट के तहत जू एक्टिविटी को फॉरेस्ट एक्टिविटी के तहत ही रखा है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जू निर्माण की कार्रवाई जल्द शुरू हो सकेगी. जू निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पूरी कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजे हैं, जिससे कि बजट मिलते ही जू का निर्माण हो सके.
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समीर सिन्हा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के साथ-साथ दानीबांगर में बंदरबाड़ा भी बनाया जाना है, जिसके लिए विभागीय अधिकारियों को कागजी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. शासन से निर्देश के बाद बंदरबाड़ा का भी काम शुरू कर दिया जाएगा.
बता दें, साल 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से जू की स्थिति जस की तस बनी हुई है. बताया जा रहा है कि भूमि के हस्तांतरण नहीं होने के चलते जू निर्माण में तकनीकी दिक्कत आ रही थी. ऐसे में हल्द्वानी जू निर्माण की एक बार फिर से उम्मीद जगी है.